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This Article is From Aug 06, 2019

आर्टिकल 370 पर पार्टी से अलग है कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की राय, सरकार के फैसले का समर्थन कर किया यह Tweet

कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व जहां इस फैसले के विरोध में है, वहीं, दूसरी तरफ पार्टी के अंदर से ही इसके समर्थन में आवाजें उठ रही हैं. अब कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) इसके समर्थन में आए हैं.

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आर्टिकल 370 पर पार्टी से अलग है कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की राय, सरकार के फैसले का समर्थन कर किया यह Tweet
जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के फैसले का कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया समर्थन.
नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर से धारा 370 (Article 370) हटा दिया गया है. इससे जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष राज्य का दर्जा भी खत्म हो गया. इसके बाद मोदी सरकार ने संसद से जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल भी पारित करवा लिया. इस बिल के पास होने के बाद बाद जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटा जाएगा. इसके अनुसार जम्मू कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाएगा. जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के सरकार के कदम की कांग्रेस सहित कई पार्टियां विरोध कर रही है. कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व जहां इस फैसले के विरोध में है, वहीं, दूसरी तरफ पार्टी के अंदर से ही इसके समर्थन में आवाजें उठ रही हैं. अब कांग्रेस के वरिष्ट नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) इसके समर्थन में आए हैं.
 

ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने ट्वीट किया, 'जम्मू कश्मीर और लद्दाख को लेकर उठाए गए कदम और भारत देश में उनके पूर्ण रूप से एकीकरण का मैं समर्थन करता हूं. संवैधानिक प्रक्रिया का पूर्ण रूप से पालन किया जाता तो बेहतर होता, साथ ही कोई प्रश्न भी खड़े नहीं होते. लेकिन ये फैसला राष्ट्रहित में लिया गया है और मैं इसका समर्थन करता हूं.'

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बता दें कि इससे पहले कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद दीपेंदर सिंह हुड्डा (Deepender Singh Hooda) ने कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने का समर्थन किया है. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंदर सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) के बेटे दीपेंदर हुड्डा ने कहा कि यह निर्णय देश की अखंडता और जम्मू कश्मीर के हित में है. 

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दीपेंदर हुड्डा (Deepender Hooda) ने ट्वीट किया, 'पहले से ही मेरी व्यक्तिगत राय रही है कि 21वीं सदी में अनुच्छेद 370 का औचित्य नहीं है और इसको हटना चाहिए. ऐसा सिर्फ देश की अखंडता के लिए ही नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर जो हमारे देश का अभिन्न अंग है, के हित में भी है.' उन्होंने कहा, 'अब सरकार की यह ज़िम्मेदारी है की इस का क्रियान्वयन शांति व विश्वास के वातावरण में हो.'

क्‍या है धारा 370? जानिए इसके बारे में सबकुछ
आर्टिकल 370 है क्‍या और इसके हटाने के क्‍या मायने है? धारा 370 के प्रावधानों के अनुसार, संसद को जम्मू-कश्मीर के बारे में रक्षा, विदेश मामले और संचार के विषय में कानून बनाने का अधिकार है लेकिन किसी अन्य विषय से सम्बन्धित कानून को लागू करवाने के लिए केन्द्र को राज्य सरकार का अनुमोदन चाहिए. इसे आप इस तरह समझ सकते हैं:

  • इसी विशेष दर्जे के कारण जम्मू-कश्मीर राज्य पर संविधान की धारा 356 लागू नहीं होती.
  • इस कारण राष्ट्रपति के पास राज्य के संविधान को बर्खास्‍त करने का अधिकार नहीं है.
  • जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता (भारत और कश्मीर) होती है.
  • भारत की संसद जम्मू-कश्मीर के सम्बन्ध में अत्यन्त सीमित क्षेत्र में कानून बना सकती है.
  • जम्मू-कश्मीर का राष्ट्रध्वज अलग है. वहां के नागरिकों द्वारा भारत के राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करना अनिवार्य नहीं है.
  • इसके तहत भारतीय नागरिक को विशेष अधिकार प्राप्त राज्यों के अलावा भारत में कहीं भी भूमि खरीदने का अधिकार है. यानी भारत के दूसरे राज्यों के लोग जम्मू-कश्मीर में जमीन नहीं खरीद सकते.
  • भारतीय संविधान की धारा 360 जिसके अन्तर्गत देश में वित्तीय आपातकाल लगाने का प्रावधान है, वह भी जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होती.
  • जम्मू-कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है जबकि भारत के अन्य राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है.
  • भारत के उच्चतम न्यायालय के आदेश जम्मू-कश्मीर के अन्दर मान्य नहीं होते हैं.
  • जम्मू-कश्मीर की कोई महिला अगर भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से विवाह कर ले तो उस महिला की नागरिकता समाप्त हो जाएगी. इसके विपरीत अगर वह पकिस्तान के किसी व्यक्ति से विवाह कर ले तो उसे भी जम्मू-कश्मीर की नागरिकता मिल जाएगी.
  • धारा 370 की वजह से कश्मीर में आरटीआई और सीएजी (CAG) जैसे कानून लागू नहीं होते हैं.
  • कश्मीर में महिलाओं पर शरियत कानून लागू है.
  • कश्मीर में पंचायत को अधिकार प्राप्त नहीं है.
  • धारा 370 की वजह से ही कश्मीर में रहने वाले पाकिस्तानियों को भी भारतीय नागरिकता मिल जाती है.

VIDEO: धारा 370 खत्म करने पर कांग्रेस ने दी कड़ी प्रतिक्रिया​

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