विज्ञापन
This Article is From Oct 26, 2019

RCEP समझौते का विरोध करेगी कांग्रेस, देश के लिए बताया ‘आत्मघाती’

पार्टी ने कहा कि इस समझौते के लिए यह सही वक्त नहीं है और यह चीन से आयात को बढ़ावा देगा. बता दें, RCEP समझौते पर अगले महीने बैंकाक में भारत के हस्ताक्षर करने की संभावना है.

RCEP समझौते का विरोध करेगी कांग्रेस, देश के लिए बताया ‘आत्मघाती’
बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस पार्टी नेता
नई दिल्ली:

कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को चीन के साथ होने जा रहे क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (RCEP) समझौते का विरोध करने का सला करते हुए कहा कि यह समझौता देश के लिए ‘आत्मघाती' साबित होगा. पार्टी ने कहा कि इस समझौते के लिए यह सही वक्त नहीं है और यह चीन से आयात को बढ़ावा देगा. बता दें, RCEP समझौते पर अगले महीने बैंकाक में भारत के हस्ताक्षर करने की संभावना है. महत्वपूर्ण मुद्दों पर कांग्रेस नेताओं के 18 सदस्यीय समूह की एक बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के वरिष्ठ नेता ए के एंटनी, के सी वेणुगोपाल, जयराम रमेश और रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पार्टी समान विचारधारा वाले दलों के साथ देश भर में एक आंदोलन छेड़ेगी और इस मुद्दे पर एक साझा मंच बनाएगी.

हरियाणा में सरकार के लिए भाजपा के साथ आई जजपा, कांग्रेस ने बताया 'बी-टीम'

बता दें, इससे पहले इस मुद्दे पर और अर्थव्यवस्था की स्थिति तथा कृषि क्षेत्र में संकट पर पार्टी के शीर्ष नेताओं ने चर्चा की. पार्टी ने महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों के नतीजों पर भी चर्चा की तथा संसद के आगामी सत्र के लिए अपनी रणनीति और सरकार को घेरने के तरीकों पर चर्चा की. बैठक में नागरिकता संशोधन विधेयक का भी विरोध करने का फैसला किया गया. दरअसल सरकार यह विधेयक लाने का प्रस्ताव कर सकती है. एंटनी ने कहा कि आर्थिक मंदी का विषय एक ज्वलंत मुद्दा है, जिसने पूरे देश को और समाज के सभी तबके को चिंतित कर रखा है. उन्होंने कहा, ‘लोगों की चिंताओं को लेकर हमेशा संवेदनशील रही पार्टी होने के नाते कांग्रेस RCEP वार्ताओं और समझौते का पूरा विरोध करती है.'उन्होंने कहा, ‘हमारा देश एक गंभीर आर्थिक संकट और मंदी की ओर बढ़ रहा है. इसने भारतीय अर्थव्यवस्था के लगभग हर क्षेत्र को प्रभावित किया है. कृषि, रोजगार, उद्योग और व्यापार तथा भारतीय अर्थव्यवस्था के अन्य सभी क्षेत्र दिन-ब-दिन संकट की ओर बढ़ रहे हैं. सरकार के लिए यह वक्त जिम्मेदार बनने का है.'

महाराष्ट्र से बड़ी खबर, Congress शिवसेना की अगुवाई वाली सरकार को दे सकती है समर्थन

पूर्व रक्षा मंत्री एंटनी ने कहा कि यह सरकार का कर्तव्य है कि वह अर्थव्यवस्था में शीघ्रता से नई जान फूंकने के लिए अपने सभी संसाधनों को झोंक दे. हालांकि उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार की प्राथमिकताएं गलत हैं और वह आम आदमी की मुश्किलों को दूर करने तथा भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों पर ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि जब लोग अपने रोजमर्रा के जीवन के लिये संघर्ष कर रहे हैं, ऐसे में त्वरित समाधान करने और एक पैकेज तैयार करने तथा अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के बजाय वे (सरकार) RCEP समझौते पर चर्चा करने में वक्त बर्बाद कर रहे हैं. वहीं कांग्रेस नेता के सी वेणुगोपाल ने कहा कि RCEP समझौते के खतरों पर बैठक में चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि किसान संकट में हैं और यह (समझौता) उनकी तथा मछुआरों की जिंगदी बदतर करने जा रहा है.

डीके शिवकुमार की जमानत रद्द करने के लिए ED ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस ने देश भर में व्यापक स्तर पर प्रदर्शन करने का फैसला किया है. हम प्रदेश कांग्रेस इकाइयों को व्यापक आंदोलन कार्यक्रम के लिए और RCEP के बारे में जागरूकता अभियान के लिए पहले ही निर्देश दे चुके हैं.' उन्होंने कहा, ‘निश्चित तौर पर हम RCEP के खिलाफ एक साझा आंदोलन मंच बनाने के लिए समान विचारधारा वाली पार्टियों, विपक्षी दलों का सहयोग मांगेंगे. कांग्रेस प्रदेश कांग्रेस समितियों को पांच नवंबर से 15 नवंबर के बीच आर्थिक मंदी और बेरोजगारी के मुद्दे पर प्रदर्शन करने का निर्देश पहले ही दे चुकी है.'

Election Results: कांग्रेस नेता सचिन पायलट बोले- 'थोड़ी कसर रह गई नहीं तो...'

वहीं पार्टी के नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि RCEP के मौजूदा मसौदे से ‘राष्ट्रीय हित' को हटा दिया गया है. उन्होंने कहा, ‘जब हमारी अर्थव्यवस्था बुरे दौर से गुजर रही है, आयात को उदार बनाया जा रहा है, ऐसे वक्त में RCEP पर हस्ताक्षर आत्महत्या करने जैसा है.' उन्होंने इस बात से इनकार किया कि कांग्रेस ने इस मुद्दे पर पलटी मार ली है. सुरजेवाला ने कहा कि RCEP का भारतीय अर्थव्यवस्था पर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ेगा. यदि इस पर आगे बढ़ा गया तो देश का व्यापार घाटा और बढ़ जाएगा. उन्होंने कहा कि इस समझौते पर हस्ताक्षर के बाद चीन भारत में बड़ी संख्या एवं मात्रा में अपने सस्ते माल सीधे भेजेगा और इससे हमारे स्थानीय उद्योगों को नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को लगता है कि यह समझौता राष्ट्र हित में नहीं है. इसके रमेश ने ‘अमूल' के प्रबंध निदेशक द्वारा लिखा एक पत्र भी साझा किया.  

VIDEO : डीके शिवकुमार को हाईकोर्ट से मिली जमानत

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com