AAP और TMC के साथ गठबंधन में जूनियर पार्टनर बनने को तैयार कांग्रेस : पी चिदंबरम

वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि उनकी पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए अगर जरूरत पड़ी तो एडजस्टमेंट के लिए तैयार है.

नई दिल्ली:

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस पार्टी में पैदा हुई हलचल के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ((P Chidambaram) ने गुरुवार को कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी टीएमसी और आम आदमी पार्टी जैसी पार्टियों के साथ गठबंधन में जूनियर पार्टनर बनकर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए अगर जरूरत पड़ी तो एडजस्टमेंट के लिए तैयार है. 

चिदंबरम ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा, 'हर पार्टी को एडजस्टमेंट करना होगा. यह ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल पर भी लागू होता है. लड़ाई राज्य-दर-राज्य होगी. बंगाल में हमें तृणमूल के नेतृत्व के साथ लड़ना होगा. पंजाब में हमें AAP के नेतृत्व में लड़ना होगा. यदि आप राज्य-दर-राज्य भाजपा से लड़ते हैं, तो उसे हराना संभव है.'

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साथ ही उन्होंने कहा, कि पार्टी की हालिया चुनावी हार के लिए केवल गांधी परिवार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है. कांग्रेस के "जी -23" या 'असंतुष्ट' नेताओं की बैठक के एक दिन बाद एनडीटीवी से बात करते हुए, उन्होंने उनसे पार्टी को नहीं तोड़ने की अपील की है. 

कई कांग्रेस नेताओं की तरह, चिदंबरम ने भी पुष्टि की कि सोनिया गांधी ने रविवार को सीडब्ल्यूसी की बैठक में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ पार्टी के पदों से इस्तीफा देने की पेशकश की थी. 

उन्होंने कहा, 'गांधी परिवार ने पद छोड़ने की पेशकश की, लेकिन इसे सीडब्ल्यूसी ने स्वीकार नहीं किया. तो, अब हमारे पास क्या विकल्प है? हमें एक नए कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया को तेज करने की जरूरत है. लेकिन वह जल्द से जल्द अगस्त महीने में होगा. लेकिन हम अब और अगस्त के बीच क्या करें?'

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उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने चुनाव और जल्दी कराने का सुझाव दिया था, लेकिन ज्यादात्तर नेता इस पर सहमत नहीं हुए.

"जी-23" के कपिल सिब्बल जैसे नेता खुले तौर पर चुनाव में हार के लिए गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें (गांधी परिवार) पार्टी के नेतृत्व से हटना चाहिए और नए लोगों को मौका दिया जाना चाहिए.

चिदंबरम ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा, "गांधी परिवार ने जिम्मेदारी ली है, जैसे मैंने गोवा के लिए जिम्मेदारी ली और अन्यों ने अन्य राज्यों के लिए. कोई भी जिम्मेदारी से भाग नहीं रहा है. लेकिन जिम्मेदारी पार्टी में हर स्तर पर जैसे ब्लॉक, जिला, राज्य और राष्ट्रीय पर होती है. यह कहना सही नहीं है कि ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ही जिम्मेदार है.'

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हालही पांच राज्यों के चुनाव में हार और कांग्रेस की सरकार नौ से घटकर दो राज्यों तक सिमटने, और सीडब्ल्यूसी बैठक के नतीजों के बाद पार्टी के नेताओं में निराशा हुई है. यह निराशा विशेषकर पार्टी के 23 नेताओं के उस 'असंतुष्ट धड़े' में देखने को मिली है, जिन्होंने दो साल पहले सोनिया गांधी को पत्र लिखा था. सीडब्ल्यूसी की बैठक में हर बार की तरह इस बार भी बिना किसी कठोर बदलाव के सोनिया गांधी के नेतृत्व में विश्वास जताया गया. 

पार्टी को पुनर्जीवित करने के कदम पर चिदंबरम ने कहा, 'क्या कठोर कदम हो सकते हैं? तीन महीने में चुनाव होने वाले हैं. कांग्रेस में चुनाव अगस्त महीने में हैं. क्या आप सुझाव दे रहे हैं कि हम अंतरिम अध्यक्ष (सोनिया गांधी) को बदलने के लिए तीन महीने के लिए एक अंतरिम अध्यक्ष चुनें. मुझे यकीन है कि अगस्त महीने में हमारे पास पूर्णकालिक नेतृत्व होगा. अभी और अगस्त के बीच हम केवल इतना कर सकते हैं कि पार्टी संगठन में आवश्यक और व्यापक सुधार करें. मुझे भरोसा है कि सोनिया गांधी ऐसा कर रही हैं.'

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असंतुष्ट धड़े ने हालिया चुनावी हार के लिए बड़े कदम की मांग की है और ऐसा नहीं करने पर "कठोर कदम" उठाने की चेतावनी दी है.

चिदंबरम ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि पार्टी टूटेगी नहीं. मेरी उनसे पार्टी को नहीं तोड़ने की अपील है. मेरी उनसे अपील है कि वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों में वापस जाएं और पार्टी का मजबूत करें. सभी को वापस जाना चाहिए और पार्टी इकाइयों का पुनर्निर्माण करना चाहिए.'

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साथ ही कांग्रेस नेता ने पार्टी की कमजोरियां गिनाते हुए कहा कि कई राज्यों में पार्टी की मौजूदगी ही नहीं है, ब्लॉक समितियों को भंग करके और उनका पुनर्गठन करना होगा. उन्होंने कहा, 'उत्तर प्रदेश में हम सभी जानते हैं कि पार्टी कई सालों से मजबूत नहीं थी. हमें पहले पार्टी का पुनर्निर्माण करना होगा फिर चुनाव लड़ना चाहिए. मैंने पार्टी नेतृत्व को सुझाया था कि हम एक ही समय में पार्टी का पुनर्निर्माण और चुनाव नहीं लड़ सकते.'

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