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This Article is From Dec 21, 2018

अब किसी भी कंप्यूटर का डेटा खंगाल सकती है सरकार, विपक्ष ने निजता के अधिकार पर बताया हमला

मोदी सरकार ने एक ऐसा आदेश जारी किया है, जिसके तहत अब किसी भी कंप्यूटर का डेटा सरकार खंगाल सकती है.

सरकार ने दिए जांच एजेसियों को कंप्यूटर डेटा खंगालने के आदेश

Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
कांग्रेस ने कहा यह निजता के अधिकार का हनन
केंद्र सरकार के इस आदेश का शुरू हुआ विरोध
विपक्ष ने भी सरकार के खिलाफ बुलंद की आवाज
नई दिल्ली:

मोदी सरकार ने एक ऐसा आदेश जारी किया है, जिसके तहत अब किसी भी कंप्यूटर का डेटा सरकार खंगाल सकती है. गृह मंत्रालय ने कंप्यूटर के डेटा की जांच के लिए 10 केंद्रीय एजेंसियों के अधिकार बढ़ा दिए हैं. जांच एजेंसियां अब किसी भी कंप्यूटर में मौजूद डेटा की जांच कर सकेंगी. ये पहली बार है जब कई एजेंसियों को ऐसे अधिकार दिए गए हैं. केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा ने गुरुवार को इस बारे में आदेश जारी किए. इसके बाद विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला और इसे निजता के अधिकार पर हमला बताया. 

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार का यह आदेश मौलिक अधिकारों के खिलाफ है. इस पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार भी यह निजता आपका मौलिक अधिकार है. निजता के अधिकार पर यह आदेश चोट पहुंचाता है. इस आदेश से सरकार देश के हर नागरिक की पूरी जानकारी को देखने की अनुमति दे रही है. इससे प्रजातंत्र को भी बड़ा खतरा पैदा हो गया है. हमने ये कहा है कि सरकार की तरफ से एक भारी संख्या में जो सम्मानित लोग हैं, सांसद हैं या बड़े अधिकारी या सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के जज के टेलीफोन भी चेक हो रहे हैं. हम इसका विरोध करेंगे. यह किसी भी प्रजातंत्र के लिए स्वीकार्य नहीं है. 

वहीं समाजवादी पार्टी के राम गोपाल ने कहा कि सरकार का यह आदेश खतरनाक है. यह सरकार पूरी तरह से तानाशाही के रास्ते पर है. विधानसभा चुनाव में हार की वजह से यह आदेश. मैं चेता देता हूं कि यह आदेश सिर्फ चार महीने के लिए है. उसके बाद देश में किसी और की सरकार होगी तो अपने लिए गड्ढ़ा न खोलें.

हालांकि, सरकार के इस आदेश पर कांग्रेस ने जोरदार हमला किया. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इसे निजता पर सरकार का हमला करार दिया और ट्वीट कर कहा कि ' अबकी बार, निजता पर वार. मोदी सरकार खुलेआम निजता के अधिकार का हनन कर रही और मज़ाक उड़ा रही है. पिछला चुनाव हारने के बाद मोदी सरकार अब आपके कंप्यूटर की जासूसी करना चाहती है. NDA के DNA में बिग ब्रदर सिंड्रोम सचमुच में समाहित है.'

वहीं सीपीएम के सीताराम येचुरी ने कहा कि 'क्यों हर भारतीय के साथ एक अपराधी की तरह व्यवहार किया जा रहा है? हर नागरिक की जासूसी  करने की चाहत रखने वाला ये आदेश असंवैधानिक है और टेलीफ़ोन टैपिंग गाइडलाइंस, निजता के अधिकार पर आदेश और आधार पर आदेश का उल्लंघन है.' 

गृह मंत्रालय का आदेश के मुताबिक, जांच एजेंसियों को ज़्यादा अधिकार

  1. 10 केन्द्रीय एजेंसियों को मिले अधिकार
  2. डेटा की जांच, फ़ोन टैपिंग कर सकेंगे
  3. पहली बार कंप्यूटर डेटा की जांच का अधिकार
  4. किसी भी कंप्यूटर के डेटा की जांच कर सकेंगे
     

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