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This Article is From Oct 31, 2019

AJL प्लॉट आवंटन मामले में पूर्व सीएम हुड्डा और कांग्रेस नेता वोरा को मिली अंतरिम जमानत

भूपेंद्र सिंह हुड्डा की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ने बताया कि अदालत ने दोनों कांग्रेस नेताओं की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई के लिए छह नवंबर की तारीख तय की है.

AJL प्लॉट आवंटन मामले में पूर्व सीएम हुड्डा और कांग्रेस नेता वोरा को मिली अंतरिम जमानत
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (फाइल फोटो)
चंडीगढ़:

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा को ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड' (AJL) भूमि आवंटन मामले में एक अदालत ने बुधवार को अंतरिम जमानत दे दी. हालांकि इसके साथ ही कांग्रेस नेताओं को जमानत देते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की विशेष अदालत के न्यायाधीश जगदीप सिंह ने मामले में दोनों नेताओं की नियमित जमानत याचिका पर केंद्रीय एजेंसी का रुख जानने के लिए उसे नोटिस जारी किया. वहीं हुड्डा की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ने बताया कि अदालत ने दोनों कांग्रेस नेताओं की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई के लिए छह नवंबर की तारीख तय की है. हुड्डा और वोरा को पांच-पांच लाख रुपए के मुचलके पर अंतरिम जमानत दी गई है.

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बता दें, ईडी ने अगस्त 2019 में अपना पहला आरोप पत्र दायर करके वोरा और हुड्डा पर पंचकूला में AJL को भूमि आवंटन में अनियमितता का इल्ज़ाम लगाया था. केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI)ने पहले बताया था कि अभियोजन की शिकायत चंडीगढ़ के नज़दीक पंचकूला में धनशोधन रोकथाम अधिनियम (PMLA) के मामले देखने वाली विशेष अदालत में दायर की गई थी. एजेंसी ने अपने पहले आरोप पत्र में वोरा, हुड्डा और AJL को नामजद किया था और आरोप लगाया था कि वे अपराध से प्राप्त धन को हासिल करने और उसे रखने की प्रक्रिया और गतिविधियों में सीधे तौर पर शामिल थे. बता दें, वोरा राज्यसभा के सदस्य हैं और कांग्रेस के महासचिव हैं. वहीं  हुड्डा 2005 से 2014 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे.

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मनी लॉन्ड्रिंग का मामला पंचकूला स्थित एक प्लॉट के फिर से आवंटन में कथित अनियमितताओं से संबंधित है. आरोप है कि तत्कालीन हुड्डा सरकार ने इस प्लॉट को AJL को फिर से आवंटित करने में कथित रूप से अनियमितता की. ईडी इस भूखंड को पहले ही कुर्क कर चुका है जिसकी अनुमानित कीमत 64.93 करोड़ रुपए है. इस मामले में हरियाणा में भाजपा सरकार के अनुरोध पर CBI ने प्राथमिकी दर्ज की थी जिसके आधार पर 2016 में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की आपराधिक शिकायत दर्ज की. वहीं CBI इस मामले में पहले ही हुड्डा और अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर चुकी है. यह प्लॉट 1982 में AJL को आवंटित हुआ था.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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