नई दिल्ली:
भूमि अधिग्रहण बिल पर सरकार के बैकफ़ुट पर जाने की जीत का जश्न मनाने के लिए कांग्रेस द्वारा रामलीला मैदान में आयोजित किसान सम्मान रैली को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि 'जब हल और हाथ की ताकत इकट्ठा हुई, तो नरेंद्र मोदी सरकार को जमीन अधिग्रहण अध्यादेश वापस लेना पड़ा। यह किसी व्यक्ति की नहीं, बल्कि आपकी जीत है। किसान केवल अन्नदाता ही नहीं, भाग्यविधाता भी है। लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है और अब यह प्रदेशों में चली गई है।'
'मोदी जी के पास सिर्फ विदेश यात्रा और उद्योगपतियों के लिए वक्त'
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आई है, तब से किसान की स्थिति बिगड़ती जा रही है। किसान कहीं सूखा तो कहीं बाढ़ से प्रभावित हो रहे हैं। कहीं उन्हें बिजली तो कहीं खाद भी नहीं मिल रही। किसानों की इस हालत के लिए सिर्फ और सिर्फ नरेंद्र मोदी सरकार है। कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए किसानों का 72 हजार करोड़ का कर्ज माफ किया और हर मदद पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मोदी जी के पास केवल विदेश यात्रा करने और उद्योगपतियों से मिलने के लिए खूब समय है, लेकिन किसानों के लिए नहीं। मोदी सरकार ने युवाओं को रोजगार देने के वादे पर आंख और कान बंद कर लिए हैं।'
'मोदी सरकार केवल झूठी बातें कर रही है'
सोनिया गांधी ने आगे कहा, जब भी पीएम जनता की आवाज नहीं सुनेंगे तो कांग्रेस उनके रास्ते में जरूर बाधा बनेगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार केवल झूठी बातें कर रही है। हम राष्ट्रहित के लिए कुर्बानी को तैयार हैं। हम आगे की लड़ाई के लिए तैयार रहेंगे। उन्होंने कहा, एक पार्टी जिसने आज़ादी की लड़ाई लड़ी, कुर्बानियां दीं, आधुनिक भारत का निर्माण किया, क्या वह विकास के रास्ते में बाधा हो सकती है? अपनी विफलता को छिपाने के लिए प्रधानमंत्री और उनके सहयोगी कांग्रेस को विकास के रास्ते में बाधा मानते हैं। मोदी सरकार हर क्षेत्र में विफल रही है।
'लैंड बिल वापस लेना कांग्रेस से पहले किसानों की जीत'
राहुल गांधी ने कहा कि 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में तीन बार जमीन अधिग्रहण अध्यादेश लाकर अपने 'मन की बात' कही, लेकिन बाद में उसे वापस लिया, यह कांग्रेस की जीत जरूर है, लेकिन उससे पहले ये देश के किसानों की जीत है। यह बात मैं गर्व से कहना चाहता हूं कि लोकसभा में हमारे 40-45 सांसद किसानों के लिए मजबूती से लड़े।'
'हमने किसानों के भविष्य और इज्ज्त की लड़ाई लड़ी'
राहुल गांधी ने कहा, 'एक किसान ने बातचीत में मुझे बताया कि किसान की एक नहीं, बल्कि दो मां होती हैं। पहली जो उसकी देखभाल करती है, दूसरा उसका खेत और जमीन, जिसमें रोज खेती कर वो अपना खून-पसीना बहाता है। उस किसान ने मुझसे कहा कि नरेंद्र मोदी हमसे हमारी जमीन नहीं, हमसे हमारी मां छीन रहे हैं। उस दिन मुझे समझ में आया कि यह किसान के भविष्य और उसकी इज्जत की लड़ाई है। इसलिए हमने यह लड़ाई लड़ी।'
'मोदी जी चाहते हैं कि किसान कमजोर रहे'
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री जो साेचते हैं, वो कहते नहीं हैं। मोदी जी चाहते हैं कि किसान कमजोर रहे। अभी जमीन की जंग खत्म नहीं हुई है। हम राज्य में जमीन की जंग लड़ेंगे। उन्होंने सवाल किया कि जब किसान रो रहा था, तो सरकार कहां थी? उन्होंने कहा, सूट-बूट वाले आम आदमी को नहीं जानते। सूट-बूट वाले जमीनी हकीकत से दूर हैं। प्रधानमंत्री मोदी केवल सूट-बूट वालों की सुनते हैं। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने आगे कहा, मोदी जी के 'मेक इन इंडिया' में मजदूर और किसान की कोई जगह नहीं है। ये मोदी जी का 'टेक इन इंडिया' है।
कांग्रेस नेताओं के मुताबिक, इस रैली में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश के किसान पहुंचे हैं।
दरअसल, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी केंद्र में NDA सरकार बनने के बाद से ही आरोप लगा रहे हैं कि ये सूट-बूट वालों की सरकार है, ग़रीब और किसानों की सरकार नहीं। आज की रैली का मक़सद भी केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ मुहिम को तेज़ करना ही है।
'मोदी जी के पास सिर्फ विदेश यात्रा और उद्योगपतियों के लिए वक्त'
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आई है, तब से किसान की स्थिति बिगड़ती जा रही है। किसान कहीं सूखा तो कहीं बाढ़ से प्रभावित हो रहे हैं। कहीं उन्हें बिजली तो कहीं खाद भी नहीं मिल रही। किसानों की इस हालत के लिए सिर्फ और सिर्फ नरेंद्र मोदी सरकार है। कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए किसानों का 72 हजार करोड़ का कर्ज माफ किया और हर मदद पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मोदी जी के पास केवल विदेश यात्रा करने और उद्योगपतियों से मिलने के लिए खूब समय है, लेकिन किसानों के लिए नहीं। मोदी सरकार ने युवाओं को रोजगार देने के वादे पर आंख और कान बंद कर लिए हैं।'
'मोदी सरकार केवल झूठी बातें कर रही है'
सोनिया गांधी ने आगे कहा, जब भी पीएम जनता की आवाज नहीं सुनेंगे तो कांग्रेस उनके रास्ते में जरूर बाधा बनेगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार केवल झूठी बातें कर रही है। हम राष्ट्रहित के लिए कुर्बानी को तैयार हैं। हम आगे की लड़ाई के लिए तैयार रहेंगे। उन्होंने कहा, एक पार्टी जिसने आज़ादी की लड़ाई लड़ी, कुर्बानियां दीं, आधुनिक भारत का निर्माण किया, क्या वह विकास के रास्ते में बाधा हो सकती है? अपनी विफलता को छिपाने के लिए प्रधानमंत्री और उनके सहयोगी कांग्रेस को विकास के रास्ते में बाधा मानते हैं। मोदी सरकार हर क्षेत्र में विफल रही है।
'लैंड बिल वापस लेना कांग्रेस से पहले किसानों की जीत'
राहुल गांधी ने कहा कि 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में तीन बार जमीन अधिग्रहण अध्यादेश लाकर अपने 'मन की बात' कही, लेकिन बाद में उसे वापस लिया, यह कांग्रेस की जीत जरूर है, लेकिन उससे पहले ये देश के किसानों की जीत है। यह बात मैं गर्व से कहना चाहता हूं कि लोकसभा में हमारे 40-45 सांसद किसानों के लिए मजबूती से लड़े।'
'हमने किसानों के भविष्य और इज्ज्त की लड़ाई लड़ी'
राहुल गांधी ने कहा, 'एक किसान ने बातचीत में मुझे बताया कि किसान की एक नहीं, बल्कि दो मां होती हैं। पहली जो उसकी देखभाल करती है, दूसरा उसका खेत और जमीन, जिसमें रोज खेती कर वो अपना खून-पसीना बहाता है। उस किसान ने मुझसे कहा कि नरेंद्र मोदी हमसे हमारी जमीन नहीं, हमसे हमारी मां छीन रहे हैं। उस दिन मुझे समझ में आया कि यह किसान के भविष्य और उसकी इज्जत की लड़ाई है। इसलिए हमने यह लड़ाई लड़ी।'
'मोदी जी चाहते हैं कि किसान कमजोर रहे'
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री जो साेचते हैं, वो कहते नहीं हैं। मोदी जी चाहते हैं कि किसान कमजोर रहे। अभी जमीन की जंग खत्म नहीं हुई है। हम राज्य में जमीन की जंग लड़ेंगे। उन्होंने सवाल किया कि जब किसान रो रहा था, तो सरकार कहां थी? उन्होंने कहा, सूट-बूट वाले आम आदमी को नहीं जानते। सूट-बूट वाले जमीनी हकीकत से दूर हैं। प्रधानमंत्री मोदी केवल सूट-बूट वालों की सुनते हैं। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने आगे कहा, मोदी जी के 'मेक इन इंडिया' में मजदूर और किसान की कोई जगह नहीं है। ये मोदी जी का 'टेक इन इंडिया' है।
कांग्रेस नेताओं के मुताबिक, इस रैली में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश के किसान पहुंचे हैं।
दरअसल, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी केंद्र में NDA सरकार बनने के बाद से ही आरोप लगा रहे हैं कि ये सूट-बूट वालों की सरकार है, ग़रीब और किसानों की सरकार नहीं। आज की रैली का मक़सद भी केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ मुहिम को तेज़ करना ही है।
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