बारिश से सड़कों पर जमा पानी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
बंगाल की खाड़ी से उठा कोमेन नाम के तूफ़ान की रफ़्तार बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों से टकराने के बाद भले ही कम हो गई हो लेकिन इसके असर के चलते अभी भी ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और झारखंड में ज़ोरदार बारिश की आशंका जताई गई है।
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित मौसम विभाग के मुताबिक 2 अगस्त तक ज़ोरदार बारिश जारी रहेगी और हवाओं की रफ़्तार 64 किमी प्रति घंटे की रहने की आशंका है। ओडिशा के कई ज़िले पहले ही भारी बारिश के चलते बाढ़ का सामना कर रहे हैं और बाढ़ का असर 5 लाख से ज़्यादा लोगों पर पड़ा है।
मौसम के और बिगड़ने के चलते पश्चिम बंगाल और ओडिशा में बंदरगाहों पर अलर्ट जारी कर दिया गया है। साथ ही मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी दी गई है।
बारिश से बढ़ी मुश्किल
देश के पश्चिम से लेकर पूर्वी हिस्से तक बारिश की मार के बाद तबाही का मंज़र है। गुजरात और राजस्थान में पिछले एक-दिन से बारिश तो रुकी है पर हालात ख़राब हैं। वहीं ओडिशा में कई ज़िलों में लाखों लोगों पर बारिश की मार पड़ी है। वहीं भारी बारिश का अनुमान भी लगाया जा रहा है।
नर्मदा नदी का तेज बहाव का कारण उसके कैचमेंट एरिया में हुई भारी बारिश है, जिसकी वजह से गुरुवार के कई घंटे वो नदी उफान मारती रही। तेज धार में सिर्फ फौलादी सलाखें ही टिक पा रही हैं। बांध लबालब भरा है और प्रशासन हालात पर लगातार नज़र बनाए हुए है। बारिश की वजह से कई जगहों पर बुरा हाल है। खेड़ा जिले में तो बचाव के लिए हेलीकॉप्टर की मदद लेनी पड़ी।
उधर, साबरमती भी उमड़ती दिख रही है, बांध से 1.80 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद खेड़ा जिले के कई गांव पानी में डूब गए, श्रीजी पुरा नाम के गांव में फंसे कुछ मजदूरों को दमकलकर्मियों ने बोट के जरिए सुरक्षित निकाला।
पड़ोसी राजस्थान की हालत भी खासी बुरी है, बीते 6 दिनों की बारिश ने खेत खलिहान, सड़क मकान पानी में डुबो दिया है। लूणी नदी पूरे उफान पर है। पानी निकालने के लिए पंप तो लगे हैं बारिश के आगे कोशिशें बौनी साबित हो रही हैं। स्थानीय विधायक के मुताबिक करीब 500 कच्चे मकान ढह गए, जबकि हर साल के सूखे के मारे लोग इस बार बाढ़ की आफत में घिरे हैं।
वहीं देश के पूर्वी राज्य तूफानी बारिश से बेहाल हैं, जहां बंगाल की खाड़ी से उठे तूफान कोमेन की वजह से उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में बाढ़ के हालात हैं। ओडिशा के पांच जिलों के करीब 350 गांव और पांच लाख लोग प्रभावित हुए हैं। यहां स्वर्णरेखा और वैतरणी नदियां अपनी पूरे उफान से हैं। बालासोर, भद्रक, जाजपुर और अंगुल जिले में सबसे ज्यादा असर देखा गया। जहां राहत और बचाव के लिए राहत टीमें भेजी गई हैं। बालासोर में तीन लोगों के मरने की ख़बर है।
वहीं, पश्चिम बंगाल के वर्धमान और चौबीस परगना में हर तरफ पानी ही पानी नज़र आ रहा है। बाइक और बसें सिर्फ भरोसे पर चल रही हैं कि नीचे सड़क मौजूद है वहीं गांवों की हालत काफी बदतर है। बाढ़ की वजह से लोग अपने सामान के साथ सुरक्षित जगहों के लिए निकल पड़े हैं।
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित मौसम विभाग के मुताबिक 2 अगस्त तक ज़ोरदार बारिश जारी रहेगी और हवाओं की रफ़्तार 64 किमी प्रति घंटे की रहने की आशंका है। ओडिशा के कई ज़िले पहले ही भारी बारिश के चलते बाढ़ का सामना कर रहे हैं और बाढ़ का असर 5 लाख से ज़्यादा लोगों पर पड़ा है।
मौसम के और बिगड़ने के चलते पश्चिम बंगाल और ओडिशा में बंदरगाहों पर अलर्ट जारी कर दिया गया है। साथ ही मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी दी गई है।
बारिश से बढ़ी मुश्किल
देश के पश्चिम से लेकर पूर्वी हिस्से तक बारिश की मार के बाद तबाही का मंज़र है। गुजरात और राजस्थान में पिछले एक-दिन से बारिश तो रुकी है पर हालात ख़राब हैं। वहीं ओडिशा में कई ज़िलों में लाखों लोगों पर बारिश की मार पड़ी है। वहीं भारी बारिश का अनुमान भी लगाया जा रहा है।
नर्मदा नदी का तेज बहाव का कारण उसके कैचमेंट एरिया में हुई भारी बारिश है, जिसकी वजह से गुरुवार के कई घंटे वो नदी उफान मारती रही। तेज धार में सिर्फ फौलादी सलाखें ही टिक पा रही हैं। बांध लबालब भरा है और प्रशासन हालात पर लगातार नज़र बनाए हुए है। बारिश की वजह से कई जगहों पर बुरा हाल है। खेड़ा जिले में तो बचाव के लिए हेलीकॉप्टर की मदद लेनी पड़ी।
उधर, साबरमती भी उमड़ती दिख रही है, बांध से 1.80 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद खेड़ा जिले के कई गांव पानी में डूब गए, श्रीजी पुरा नाम के गांव में फंसे कुछ मजदूरों को दमकलकर्मियों ने बोट के जरिए सुरक्षित निकाला।
पड़ोसी राजस्थान की हालत भी खासी बुरी है, बीते 6 दिनों की बारिश ने खेत खलिहान, सड़क मकान पानी में डुबो दिया है। लूणी नदी पूरे उफान पर है। पानी निकालने के लिए पंप तो लगे हैं बारिश के आगे कोशिशें बौनी साबित हो रही हैं। स्थानीय विधायक के मुताबिक करीब 500 कच्चे मकान ढह गए, जबकि हर साल के सूखे के मारे लोग इस बार बाढ़ की आफत में घिरे हैं।
वहीं देश के पूर्वी राज्य तूफानी बारिश से बेहाल हैं, जहां बंगाल की खाड़ी से उठे तूफान कोमेन की वजह से उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में बाढ़ के हालात हैं। ओडिशा के पांच जिलों के करीब 350 गांव और पांच लाख लोग प्रभावित हुए हैं। यहां स्वर्णरेखा और वैतरणी नदियां अपनी पूरे उफान से हैं। बालासोर, भद्रक, जाजपुर और अंगुल जिले में सबसे ज्यादा असर देखा गया। जहां राहत और बचाव के लिए राहत टीमें भेजी गई हैं। बालासोर में तीन लोगों के मरने की ख़बर है।
वहीं, पश्चिम बंगाल के वर्धमान और चौबीस परगना में हर तरफ पानी ही पानी नज़र आ रहा है। बाइक और बसें सिर्फ भरोसे पर चल रही हैं कि नीचे सड़क मौजूद है वहीं गांवों की हालत काफी बदतर है। बाढ़ की वजह से लोग अपने सामान के साथ सुरक्षित जगहों के लिए निकल पड़े हैं।
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