सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) पर यौन उत्पीडन का आरोप लगाने वाली महिला ने मामले की जांच के लिए बनाए गए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बोबडे पैनल को चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में आरोप लगाने वाली महिला ने कई सवाल उठाए हैं. पैनल को लिखे खत में महिला ने कहा कि बिना उसकी बात सुने उसका चरित्र हरण कर दिया गया. इसके साथ ही लिखा गया है कि कानून के मुताबिक इन हाउस जांच पैनल में महिला सदस्य का बहुमत व बाहरी व्यक्ति नहीं हैं. वहीं शनिवार की सुनवाई के दौरान जजों व कानूनी अधिकारियों ने इसके पीछे साजिश की टिप्पणी की, जिससे वह भयभीत हैं.
साथ ही महिला ने शुक्रवार को इन हाउस जांच पैनल की सुनवाई में कानूनी जानकार की मदद की इजाजत देने और वीडियो रिकॉर्डिंग कराने की मांग की. महिला ने पैनल में जस्टिस रमना को शामिल करने पर भी ऐतराज जताया है. महिला का कहना है कि वह जस्टिस गोगोई के काफी करीब हैं.
सीजेआई रंजन गोगोई के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों की आंतरिक जांच के लिए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसए बोबडे (Justice SA Bobde) को नियुक्त किया गया था. वरिष्ठता क्रम के मुताबिक वह सीजेआई के बाद वरिष्ठतम न्यायाधीश हैं. उन्होंने बताया कि नंबर 2 जज होने के नाते प्रधान न्यायाधीश ने उन्हें शीर्ष न्यायालय की एक पूर्व महिला कर्मचारी द्वारा उनके (सीजेआई के) खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए नियुक्त किया है.
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न्यायमूर्ति बोबडे ने बताया कि उन्होंने शीर्ष न्यायालय के दो न्यायाधीशों न्यायमूर्ति एनवी रमन और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी को शामिल कर एक समिति गठित की है.न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा, 'मैंने समिति में न्यायमूर्ति रमन को शामिल करने का फैसला किया है, क्योंकि वह वरिष्ठता में मेरे बाद हैं और न्यायमूर्ति बनर्जी को इसलिए शामिल किया गया है क्योंकि वह महिला न्यायाधीश हैं.'
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बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के एक वकील के उस दावे पर सुनवाई हुई, जिसमें वकील ने कहा था कि सीजेआई के खिलाफ साजिश रची गई है और उनके पास इसके सबूत हैं. वकील उत्सव बैंस ने सुप्रीम कोर्ट में सबूत पेश करते हुए कहा कि सीजेआई को बदनाम करने के लिए मुझे 1.5 करोड़ रुपये का ऑफर दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने बैंस की ओर से कोर्ट को सौंपे गए सबूतों को देखने के बाद सीबीआई प्रमुख, आईबी प्रमुख और दिल्ली पुलिस कमिश्नर को तलब किया था.
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बता दें, सुप्रीम कोर्ट के वकील उत्सव बैंस ने दावा किया था कि सीजेआई रंजन गोगोई को बदनाम करने की साजिश रची गई ताकि वो इस्तीफा दे दें. बैंस ने ये भी दावा किया है कि इसके लिए उनसे भी संपर्क किया गया था और कहा गया था कि वो प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में इस संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस करें. इसे लेकर एक युवक ने उन्हें 1.5 करोड़ रुपये तक देने का ऑफर दिया था. साथ ही उत्सव बैंस दावा किया कि उन्होंने इससे इनकार कर दिया और वो इस मामले की जानकारी देने सीजेआई के घर गए थे लेकिन वो उपलब्ध नहीं थे.
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