
ईस्टर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे (Lieutenant General Manoj Pande)ने कहा है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पार चीनी सेना की गतिविधियां बढ़ी हैं और भारतीय सेना इन पर बारीकी से नजर जमाए हुए है. लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने कहा, 'पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) द्वारा किए जाने वाले वार्षिक प्रशिक्षण अभ्यास (Annual training exercise)और गतिविधियों के स्तर में कुछ इजाफा हुआ है लेकिन यह गहराई वाले क्षेत्रों (depth areas)में हैं.पीएलए के कुछ फॉर्मेशन अभी भी बने हुए हैं. ऐसे में हमने एलएसी और 'डेप्थ एरियाज' में अपनी 'निगरानी' बढ़ा दी है. ' ईस्टर्न आर्मी के कमांडर ने दोहराया कि दोनों पक्ष वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के करीब बुनियादी ढांचे को विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं , इसके कई बार ऐसे मुद्दे सामने आते हैं.
उन्होंने कहा, 'उनके (PLA के) रणनीति मॉडल के हिसाब से, गांव सीमा के नजदीक आ गए हैं. यह चिंता का विषय है कि इसका उपयोग कैसे किया जा सकता है. हमने अपनी योजना में इस बात को ध्यान में रखा है. 'वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पहले से ही तैनात बॉर्डर डिफेंस ट्रुप्स की संख्या में भी मामूली तौर पर इजाफा हुआ है. वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पहले से ही तैनात सीमा रक्षा सैनिकों की संख्या में मामूली वृद्धि हुई है.निगरानी के लिहाज से सेना की ओर से उठाए जाने वाले कदमों का जिक्र करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने कहा, 'हमने कई कदम और उपाय किए हैं. सबसे अहम बात यह है कि हमें दोनों ओर-LAC और गहराई वाले क्षेत्रों (डेप्थ एरियाज) में निगरानी बढ़ानी होगी. रणनीतिक स्तर से सामरिक स्तर तक, हम यह कर रहे हैं.' उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए हर सेक्टर में पर्याप्त संख्या में बल उपलब्ध है इसके साथ ही हम आने वाली स्थितियों को ध्यान में रखते हुए अभ्यास भी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कुछ खास क्षेत्रों में हमने तैनाती बढ़ाई है.
चीन और भूटान के बीच दशकों पुराने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए हाल में किए गए समझौते और उससे डोकलाम टाई-जंक्शन के आसपास के क्षेत्रों में भारत के रणनीतिक हितों पर पड़ सकने वाले प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर सैन्य कमांडर ने सीधा जवाब नहीं दिया, लेकिन कहा कि सरकार के संबंधित प्राधिकारियों ने इसका संज्ञान लिया है. चीन द्वारा विभिन्न सीमा समझौतों और प्रोटोकॉल का उल्लंघन किए जाने के विषय पर लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने कहा कि इस मामले पर उच्चतम स्तर पर वार्ता चल रही है। उन्होंने कहा, ‘हमारे व्यापक मार्गदर्शन के संदर्भ में, वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति से निपटने को लेकर रणनीतिक मार्गदर्शन के संदर्भ में, हम आपसी सहमति से बनाए गए प्रोटोकॉल और समझौतों का सम्मान करते हैं और यही हमारा प्रयास रहा है, भले ही दूसरे पक्ष ने कोई भी कदम उठाया हो या कोई भी कार्रवाई की हो.'
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि इसे बड़े स्तर पर देखा जा रहा है कि जो हुआ, उसके परिणाम क्या हैं और भविष्य में हमें क्या करने की आवश्यकता है.'कमांडर ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच चौथी हॉटलाइन हाल में सक्रिय हो गई है. उल्लेखनीय है कि पिछले साल पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ तनाव बढ़ने के बाद भारत ने सामरिक लाभ हासिल करने के लिए बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी लाने के साथ ही करीब 3,400 किलोमीटर लंबी एलएसी पर सैनिकों की समग्र तैनाती बढ़ा दी थी. सेना दूर से संचालित विमानों के बेड़े का उपयोग कर क्षेत्र में एलएसी पर दिन और रात निगरानी भी कर रही है. इजराइल निर्मित हेरॉन ड्रोन का एक बड़ा बेड़ा पर्वतीय क्षेत्र में एलएसी पर चौबीसों घंटे निगरानी कर रहा है और कमान एवं नियंत्रण केंद्रों को महत्वपूर्ण डेटा एवं चित्र भेज रहा है. ड्रोन के साथ ही भारतीय सेना की विमानन शाखा ने क्षेत्र में उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर रूद्र की तैनाती की है जिससे क्षेत्र में इसका मिशन और तीव्र हुआ है. (भाषा से भी इनपुट)
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