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लद्दाख में हुई भारत और चीन के बीच फ्लैग मीटिंग बेनतीजा खत्म हो चुकी है। चीन ने किसी भी प्रकार की घुसपैठ से इनकार किया है जबकि भारत ने उसके दावे को मानने से इनकार कर दिया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, चीनी सेना के जवान ही नहीं, चीन के हेलीकॉप्टर भी भारतीय हवाई क्षेत्र में घुसे थे और कुछ देर बाद वापस चले गए।
वहीं, दिल्ली में चीनी दूतावास के अधिकारियों ने एनडीटीवी से एक बार फिर कहा कि चीन की ओर से भारतीय सीमा में घुसपैठ नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि वह अपने विदेश मंत्रालय के बयान के साथ हैं। गौरतलब है कि सोमवार को चीनी विदेश मंत्रालय ने इन खबरों का खंडन किया था कि लद्दाख क्षेत्र में चीनी सेना ने घुसपैठ नहीं किया है।
सूत्रों के मुताबिक विदेश सचिव रंजन मथाई इस मामले को लेकर पिछले हफ्ते ही चीन के राजदूत को तलब कर चुके हैं और उनके सामने आधिकारिक तौर पर चीन के इस कदम पर आपत्ति भी जता चुके हैं।
सूत्रों के मुताबिक चीन के राजदूत को साफ−साफ कह दिया गया है कि चीन की ओर से की गई यह घुसपैठ दोनों देशों के बीच माहौल खराब कर सकती है। एनडीटीवी को सूत्रों ने बताया है कि चीन जो भी कहे वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर दोनों देशों के बीच अलग−अलग राय है। पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन उन्हें एक तरीक़े से हल किया जा चुका है। चीन के साथ कूटनीतिक और सैन्य दोनों स्तरों पर बात हो रही है।
दरअसल तिब्बत से लगे लद्दाख का दौलत बेग ओल्डी इलाके में 15 से 20 चीनी सैनिक घुस आए हैं। इतना ही नहीं इन सैनिकों ने यहां अपने टेंट लगा लिए हैं और अस्थाई मोर्चा भी बना लिया है। भारतीय सैनिकों ने भी चीनी सैनिकों के टेंट से 500 मीटर दूर अपना मोर्चा बना लिया है।
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