चीन भारत के सोलर एनर्जी सेक्टर में अपनी कंपनियों द्वारा बेहद सस्ते दामों पर उपकरणों और अन्य सामान की डंपिंग करवा रहा है ताकि सरकार का 'मेक इन इंडिया' प्रोग्राम कमज़ोर हो जाए. पावर और रिन्यूएबल एनर्जी मंत्री आरके सिंह ने यह बात NDTV से कही है. अब पावर मिनिस्टर ने वित्त मंत्रालय से सिफारिश की है कि सोलर मॉड्यूल और सोलर सेल्स, जिसका सबसे ज्यादा आयात चीन से होता है, पर एक अगस्त से बेसिक कस्टम्स ड्यूटी बढ़ाई जाए. अब चीन से इस सेक्टर में कोई भी उपकरण या सामान आयात करने से पहले मंत्रालय की मंज़ूरी लेना भी अनिवार्य होगा.
ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा कि ''सोलर एनर्जी सेक्टर में चीन बहुत कम दाम पर भारत में उपकरणों काी डंपिंग कर रहा था. वह हमारे 'मेक इन इंडिया' प्रोग्राम को नुकसान पहुंचाने के लिए सब्सिडी देकर कम दाम में सोलर मॉड्यूल और सोलर सेल्स भारत में डंप कर रहा था. अब हमने वित्त मंत्री को प्रस्ताव भेजा है कि एक अगस्त 2020 से सोलर मॉड्यूल पर बेसिक कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर 25 प्रतिशत और सोलर सेल्स पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर 15 प्रतिशत की जाए.''
भारत ने सोलर एनर्जी सेक्टर में चीनी कंपनियों के बेहद सस्ते सामान की डंपिंग करने के खिलाफ मुहिम और सख्त करने का फैसला किया है. अब ये तय किया गया है कि पावर जैसे संवेदनशील सेक्टर में चीन जैसे देश से कोई भी उपकरण आयात करने के लिए सरकार की मंज़ूरी लेनी होगी और वहां के सभी तरह के उपकरण और सामान का विशेष इंस्पेक्शन किया जाएगा. यह पहल आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत की जा रही है.
आरके सिंह ने कहा कि ''पॉवर सेक्टर एक रणनीतिक सेक्टर है. हमने तय किया है कि जो भी प्रतिबंध हो सकते हैं लगाए जाएं. चीन जैसे देश से जो क्रिटिकल इक्विपमेंट इम्पोर्ट होंगे उनका इंस्पेक्शन जरूरी होगा, कहीं उसमें मालवेयर या ट्रोजन हॉर्स इनबिल्ट नहीं है जो रिमोट से हमारे पॉवर सेक्टर को ठप कर सकता है.''
यह पहल आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत की जा रही है. मंशा पावर और रिन्यूएबल एनर्जी जैसे संवेदनशील सेक्टरों में चीन से होने वाले आयात पर निर्भरता कम करने की है. 2018-19 में इस सेक्टर में भारत ने कुल 71000 करोड़ का आयात किया था. यह नई व्यवस्था एक अगस्त से लागू करने की तैयारी है.
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