सार्क की असफलता पर बिना नाम लिए जयशंकर ने पाकिस्तान पर निशाना साधा. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
रायसीना डायलॉग में बोलते हुए विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा है कि अपनी संप्रभुता के मामले में चीन बहुत संवेदनशील रहता है, लेकिन दूसरे देशों की चिंताओं पर ध्यान नहीं देता. एक सवाल का जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा कि चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर की योजना और निर्माण बिना भारत की सहमति के उस भारतीय ज़मीन पर किया गया, जो अवैध तरीके से पाकिस्तान के कब्ज़े में है. चीन को दूसरे देशों की चिंताओं के लिए भी संवेदनशील होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि कि भविष्य में भारत और चीन की कई साझा ज़रूरतें होंगी और खासकर एशिया में सबको साथ लेकर चलना ज़रूरी होगा. विदेश सचिव जयशंकर ने कहा कि आतंक दुनिया के लिए सबसे बड़े खतरों में से एक है और बहुत ज़रूरी है कि ताकतवर और प्रभावशाली इससे लड़ने को सबसे अहम ज़रूरत समझें. उन्होंने कहा कि दुनिया के हालात बहुत उलझे हुए हैं और इससे निबटने के लिए पारदर्शिता और खुले दिमाग की ज़रूरत होगी. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में तत्काल सुधार की वकालत की.
सार्क की असफलता पर बिना नाम लिए जयशंकर ने पाकिस्तान पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सिर्फ एक देश की असुरक्षा की भावना के कारण सार्क की ये हालत हुई और इसलिए भारत अब बाकी गुटों ( groupings) के ज़रिए काम करने की कोशिश कर रहा है.
उन्होंने कहा कि कि भविष्य में भारत और चीन की कई साझा ज़रूरतें होंगी और खासकर एशिया में सबको साथ लेकर चलना ज़रूरी होगा. विदेश सचिव जयशंकर ने कहा कि आतंक दुनिया के लिए सबसे बड़े खतरों में से एक है और बहुत ज़रूरी है कि ताकतवर और प्रभावशाली इससे लड़ने को सबसे अहम ज़रूरत समझें. उन्होंने कहा कि दुनिया के हालात बहुत उलझे हुए हैं और इससे निबटने के लिए पारदर्शिता और खुले दिमाग की ज़रूरत होगी. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में तत्काल सुधार की वकालत की.
सार्क की असफलता पर बिना नाम लिए जयशंकर ने पाकिस्तान पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सिर्फ एक देश की असुरक्षा की भावना के कारण सार्क की ये हालत हुई और इसलिए भारत अब बाकी गुटों ( groupings) के ज़रिए काम करने की कोशिश कर रहा है.
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