पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री चिदंबरम ने ट्वीट कर लिखा, "दिल्ली पुलिस ने दिल्ली दंगों के मामले में एक पूरक आरोप पत्र में सीताराम येचुरी और कई अन्य विद्वानों और कार्यकर्ताओं का नाम लेते हुए आपराधिक न्याय प्रणाली का उपहास उड़ाया है."
डिस्क्लोजर स्टेटमेंट में नामित अन्य लोगों में अर्थशास्त्री जयति घोष, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद और वृत्तचित्र फिल्म निर्माता राहुल रॉय शामिल हैं. दिल्ली पुलिस ने शनिवार को स्पष्ट किया कि उन्हें आरोपी के रूप में नामित नहीं किया गया है.
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दिल्ली पुलिस ने शनिवार को एक बयान में कहा. "यह उल्लेखनीय है कि प्रकटीकरण बयान (Disclosure statement) को अभियुक्त द्वारा सुनाई गई सच्चाई के रूप में दर्ज किया गया है. एक व्यक्ति को केवल एक प्रकटीकरण विवरण के आधार पर एक अभियुक्त के रूप में तर्क नहीं दिया जाता है. हालांकि, यह केवल पर्याप्त पुष्टि योग्य सबूतों के अस्तित्व पर है. कानूनी कार्रवाई की जाती है. मामला फिलहाल अदालत में है, "
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पूरक चार्जशीट ( supplementary charge sheet ) संसद के मानसून सत्र के पहले भाग के शुरू होने के दो दिन पहले दायर की गई थी. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि उनकी पार्टी इस मुद्दे को दोनों सदनों में उठाएगी.
बता दें कि सीएए और नेशनल रजिस्टर या सिटिजन्स या एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के हफ्तों के बाद फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में 50 से अधिक लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए.
दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की क्राइम ब्रांच ने जाफराबाद में हुई हिंसा (Jafrabad Violence) के मामले में FIR No. 50/20 में देवांगना कलिता,नताशा नरवाल ,गुलफिशा फातिमा के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की है. चार्जेशीट में इन लोगों को आरोपी बनाया गया है. लेकिन इन्होंने अपने बयान में प्रोफेसर अपूर्वानंद ,योगेंद्र यादव ,सीताराम येचुरी ,डॉक्यूमेंट्री फिल्मकार राहुल रॉय ,इकोनॉमिस्ट जयती घोष,एमएलए मतीन अहमद ,अमानतुल्लाह खान,उमर खालिद का नाम भी लिया है.
दिल्ली पुलिस को दिए गए बयान के मुताबिक दंगों में इनकी भूमिका है. दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में इन्हें आरोपी तो नहीं बनाया है लेकिन इनकी भूमिका की जांच चल रही है. हालांकि जिन लोगों के सीआरपीसी 161 में बयान दर्ज किए गए हैं उन्होंने अपने बयान में हस्ताक्षर नहीं किये हैं.
दिल्ली दंगों की चार्जशीट में कई बड़े नाम