छत्तीसगढ़ की सीएम रमन सिंह की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में तकरीबन 36000 करोड़ के धान घोटाले का आरोप लगाया है। भोपाल में कांग्रेस के नेता अजय माकन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सीधे-सीधे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह पर हमला किया और घोटाले से जुड़ी कुछ डायरियों में मुख्यमंत्री रमन सिंह के परिवार के लोगों के नाम होने पर सवाल उठाए।
पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने कहा कि मुख्यमंत्री रमन सिंह को इस्तीफ़ा देना चाहिए, इसके बगैर इस मामले की निष्पक्ष जांच होना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि सच्चाई का पता लगाने के लिए एकमात्र तरीका विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन है जो सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच करे।
उन्होंने छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख भूपेश बघेल और राज्य विधायक दल के नेता टी एस सिंहदेव के साथ संयुक्त रूप से संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए रमन सिंह को तत्काल पद से हटाया जाना चाहिए।'
माकन ने दावा किया कि घोटाले का आकार का पता इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि राज्य में पिछले 11 साल के भाजपा शासन में धान और अन्य चीजों की खरीद पर सरकारी खजाने से करीब '1.5 लाख करोड़ रुपये' खर्च हुए।
उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने रिश्वत और कमीशन के रूप में हजारों करोड़ रुपये अर्जित करने के लिए चावल मिल मालिकों, पीडीएस दुकानों के मालिकों और सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर भ्रष्टाचार की एक बढ़िया मशीन तैयार की।
उन्होंने राज्य के नागरिक आपूर्ति निगम के जरिए नमक, चना, केरोसिन, गेहूं आदि की खरीद में भी 'समान भ्रष्टाचार' होने का दावा किया।
पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने कहा कि मुख्यमंत्री रमन सिंह को इस्तीफ़ा देना चाहिए, इसके बगैर इस मामले की निष्पक्ष जांच होना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि सच्चाई का पता लगाने के लिए एकमात्र तरीका विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन है जो सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच करे।
उन्होंने छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख भूपेश बघेल और राज्य विधायक दल के नेता टी एस सिंहदेव के साथ संयुक्त रूप से संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए रमन सिंह को तत्काल पद से हटाया जाना चाहिए।'
माकन ने दावा किया कि घोटाले का आकार का पता इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि राज्य में पिछले 11 साल के भाजपा शासन में धान और अन्य चीजों की खरीद पर सरकारी खजाने से करीब '1.5 लाख करोड़ रुपये' खर्च हुए।
उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने रिश्वत और कमीशन के रूप में हजारों करोड़ रुपये अर्जित करने के लिए चावल मिल मालिकों, पीडीएस दुकानों के मालिकों और सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर भ्रष्टाचार की एक बढ़िया मशीन तैयार की।
उन्होंने राज्य के नागरिक आपूर्ति निगम के जरिए नमक, चना, केरोसिन, गेहूं आदि की खरीद में भी 'समान भ्रष्टाचार' होने का दावा किया।
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