विज्ञापन
This Article is From Apr 05, 2021

छत्तीसगढ़ नक्सली हमला : 400 नक्सलियों ने 3 तरफ से CRPF जवानों को घेर कर बनाया था टारगेट

पिछले चार सालों में माओवादियों ने सुरक्षाबलों पर यह सबसे बड़ा हमला किया है. इस सुनियोजित हमले में 400 माओवादियों ने तीन ओर से सीआरपीएफ के जवानों को घेर लिया था और कई घंटों तक उनपर मशीनगन और IED से हमला करते रहे.

छत्तीसगढ़ नक्सली हमला : 400 नक्सलियों ने 3 तरफ से CRPF जवानों को घेर कर बनाया था टारगेट
बीजापुर जिले में शनिवार को नक्सली हमले में 22 जवान शहीद हो गए थे.
रायपुर:

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में इस साल की सबसे बड़ी नक्सली घटना में कुल 22 जवान शहीद हुए हैं. शनिवार को हुए इस नक्सली हमले में रविवार को भी शव बरामद किए जाते रहे. रविवार को बीजापुर के जंगलों से 17 जवानों के शव बरामद किए गए. पिछले चार सालों में माओवादियों ने सुरक्षाबलों पर यह सबसे बड़ा हमला किया है. इस हमले में 400 माओवादियों ने तीन तरफ से सीआरपीएफ के जवानों को घेर लिया था और कई घंटों तक उनपर मशीनगन और IED से हमला करते रहे.

सीआरपीएफ के डायरेक्टर जनरल कुलदीप सिंह ने बताया कि उनके जवानों पर 'अचानक और घेर कर हमला' किया गया. सिंह को गृहमंत्री अमित शाह ने हमले के बाद राज्य का दौरा करने के निर्देश दिए थे. 

बता दें कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर और सुकमा जिले की सीमा पर हुई मुठभेड़ में सीआरपीएफ के कुल 22 जवान शहीद हुए हैं, जबकि 31 अन्य जवान घायल हुए हैं. यह इस साल की अब तक की सबसे बड़ी नक्सली घटना है. क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने खोजी अभियान तेज कर दिया है.

यह भी पढ़ें : नक्सली हमले को लेकर BJP पर बरसे गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, कहा- 15 साल में सिर्फ लीपापोती की

कैसे घेरा माओवादियों ने

बस्तर क्षेत्र के अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि जानकारी मिली है कि हमले के दौरान लगभग 400 की संख्या में नक्सली टेकलगुड़ा गांव की पहाड़ी और उसके आसपास मौजूद थे. पुलिस अधिकारी ने बताया कि नक्सलियों ने जब जवानों पर गोलीबारी शुरू की तब कुछ जवान बचाव के लिए सूने गांव की ओर चले गए जहां नक्सली उनके इंतजार में थे. घटनास्थल से मिली जानकारी के अनुसार शहीद जवानों के शव खेत और गांव की सड़क के आसपास से बरामद किए गए हैं. स्थानीय संवाददाताओं ने बताया कि शहीद जवानों के शवों में गोली लगने और कुछ जवानों के शवों में धारदार हथियार से हमला किए जाने का निशान है.

बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने रविवार को बताया कि सुरक्षा बलों ने घटनास्थल से डीआरजी के आठ जवानों, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कोबरा बटालियन के सात जवानों, एसटीएफ के छह जवानों तथा सीआरपीएफ के बस्तरिया बटालियन के एक जवान का शव बरामद किया है. वहीं कोबरा बटालियन का एक अन्य जवान लापता है.

यह भी पढ़ें : जवानों का मनोबल ऊंचा है, इसलिए नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा : भूपेश बघेल

कुख्यात नक्सली कमांडर हिड़मा की मौजूदगी की थी जानकारी

सुंदरराज ने बताया कि नक्सलियों के बटालियन नंबर एक की उपस्थिति की सूचना के बाद क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान में सुरक्षा बलों के जवानों को रवाना किया गया था. पुलिस को बटालियन नंबर एक के कमांडर हिड़मा की उपस्थिति की भी सूचना मिली थी. क्षेत्र में बड़ी नक्सली घटनाओं में नक्सली कमांडर हिड़मा के शामिल होने की जानकारी मिलती रही है.
पुलिस अधिकारी ने नक्सलियों द्वारा योजना बनाकर हमला करने की खबरों से इंकार किया और कहा कि नक्सलियों के हमले का जवानों ने बहादुरी से मुकाबला किया और मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों को भी काफी नुकसान हुआ है.

अनुमान है कि इस हमले में 10-12 नक्सली भी मारे गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाबल के जवानों ने बड़े पेड़ों के सहारे ओट लेकर नक्सलियों की फायरिंग का मुकाबला किया और तब तक फायरिंग करते रहे, जब तक उनके पास एम्युनिशन खत्म नहीं हो गया. एक लोकेशन से सात जवानों के शव बरामद हुए हैं और यहां पेड़ों की तनाओं पर बुलेट के निशान हैं, जिससे साफ पता चलता है कि यहां जबरदस्त फायरिंग हुई है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com