राज्य सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन से लैस करने जा रही है
रायपुर:
डिजिटल इंडिया को आगे बढ़ाते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने काम-काज को दुरुस्त करने के मकसद को पूरा करने के लिए निचले स्तर से सभी को डिजिटल करने का फैसला किया है. इसके तहत सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन से लैस करने जा रही है, ताकि बच्चों को पोषण वितरण और उनकी सेहत के प्रति ज्यादा सजग हुआ जा सके. इसके लिए महिलाओं को ट्रेनिंग भी दी जा रही है.
इस परियोजना के प्रथम चरण में राज्य के सात जिलों- रायपुर, गरियाबंद, महासमुंद, दुर्ग, बेमेतरा, बालोद एवं कबीरधाम (कवर्धा) की 8 हजार, 500 कार्यकर्ताओं को स्मार्टफोन दिए जा रहे हैं. उन्हें इसके उपयोग के लिए प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. महिला और बाल विकास मंत्री रमशीला साहू ने इस तरह के एक प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ भी किया.
प्रथम चरण में रायपुर-1 एवं रायपुर-2 एकीकृत बाल विकास परियोजना के क्रमश: 116 और 200 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्टफोन दिया जाएगा. महिला तथा बाल विकास मंत्री ने बताया कि स्मार्ट फोन के उपयोग से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के समय की बचत होगी, बच्चों को सुपोषित बनाने तथा खेल-खेल में शिक्षा देने के दायित्वों का पालन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बहनें सजगता से कर रही हैं. साहू ने कहा कि पहले सब कुछ रजिस्टर में नोट करना होता था, अब मोबाइल एप की सहायता से काम में तेजी आएगी.
बता दें कि एकीकृत बाल विकास (आईसीडीएस) योजना भारत सरकार द्वारा विश्व बैंक सहायित परियोजना - आईसीडीएस के अंतर्गत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मोबाइल तथा पर्यवेक्षकों को टेबलेट दिए जाएंगे, जिसके द्वारा कुपोषित बच्चों तथा गर्भवती माताओं का ऑनलाइन ट्रेकिंग की जाएगी.
प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संसदीय सचिव रूपकुमारी चौधरी ने कहा कि शुरुआत में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बहनों को जरूर लगेगा कि स्मार्टफोन का उपयोग कैसे कर पाएंगी, लेकिन धीरे-धीरे वे इसमें एक्सपर्ट हो जाएंगी. इससे विभाग के कार्य में तेजी आएगी.
(इनपुट आईएएनएस से भी)
डिजिटल इंडिया को आगे बढ़ाते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने काम-काज को दुरुस्त करने के मकसद को पूरा करने के लिए निचले स्तर से सभी को डिजिटल करने का फैसला किया है. इसके तहत सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन से लैस करने जा रही है, ताकि बच्चों को पोषण वितरण और उनकी सेहत के प्रति ज्यादा सजग हुआ जा सके. इसके लिए महिलाओं को ट्रेनिंग भी दी जा रही है.
इस परियोजना के प्रथम चरण में राज्य के सात जिलों- रायपुर, गरियाबंद, महासमुंद, दुर्ग, बेमेतरा, बालोद एवं कबीरधाम (कवर्धा) की 8 हजार, 500 कार्यकर्ताओं को स्मार्टफोन दिए जा रहे हैं. उन्हें इसके उपयोग के लिए प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. महिला और बाल विकास मंत्री रमशीला साहू ने इस तरह के एक प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ भी किया.
प्रथम चरण में रायपुर-1 एवं रायपुर-2 एकीकृत बाल विकास परियोजना के क्रमश: 116 और 200 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्टफोन दिया जाएगा. महिला तथा बाल विकास मंत्री ने बताया कि स्मार्ट फोन के उपयोग से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के समय की बचत होगी, बच्चों को सुपोषित बनाने तथा खेल-खेल में शिक्षा देने के दायित्वों का पालन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बहनें सजगता से कर रही हैं. साहू ने कहा कि पहले सब कुछ रजिस्टर में नोट करना होता था, अब मोबाइल एप की सहायता से काम में तेजी आएगी.
बता दें कि एकीकृत बाल विकास (आईसीडीएस) योजना भारत सरकार द्वारा विश्व बैंक सहायित परियोजना - आईसीडीएस के अंतर्गत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मोबाइल तथा पर्यवेक्षकों को टेबलेट दिए जाएंगे, जिसके द्वारा कुपोषित बच्चों तथा गर्भवती माताओं का ऑनलाइन ट्रेकिंग की जाएगी.
प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संसदीय सचिव रूपकुमारी चौधरी ने कहा कि शुरुआत में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बहनों को जरूर लगेगा कि स्मार्टफोन का उपयोग कैसे कर पाएंगी, लेकिन धीरे-धीरे वे इसमें एक्सपर्ट हो जाएंगी. इससे विभाग के कार्य में तेजी आएगी.
(इनपुट आईएएनएस से भी)
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