सरकार ने बड़े पैमाने पर साइबर हमले की चेतावनी देते लोगों से इससे बचने के लिए कहा है. सरकारी एजेंसी ने कहा कि साइबर हमलावर कोरोनावायरस (COVID-19) महामारी की आड़ लेकर लोगों की निजी और वित्तीय जानकारियों में सेंधमारी कर सकते हैं. इंडियन कंम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) ने ट्वीट में कहा, "शरारती तत्वों" द्वारा 21 जून से ई-मेल के जरिये धोखाखड़ी शुरू की जा सकती है और यह संदेहास्पद मेल सरकार की नाम वाली ई-मेल आईडी (ncov2019@gov.in) से भेजा जा सकता है.
भारत की साइबर सुरक्षा की नोडल एजेंसी सीईआरटी-इन ने बयान में कहा कि ये हमले विश्वनसीय इकाइयों के नाम पर किए जा सकते हैं.और लोगों को ई-मेल या मैसेज खोलने के लिए मजबूर कर सकते हैं. इसके बाद व्यक्ति के लिंक पर क्लिक करने से मालवेयर इंस्टॉल हो सकता या फिर सिस्टम फ्रीज हो सकता है. हमलावर ऐसे स्थानीय अधिकारी बनकर दुर्भावनापूर्ण ईमेल भेज सकते हैं जिन्हें सरकार द्वारा वित्तपोषित कोविड-19 समर्थित पहलों की सेवा देने का प्रभार दिया गया है.
इंडियन कंप्यूटर इमर्जेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-इन) ने परामर्श में कहा, ‘‘इस तरह की ईमेल लोगों को फर्जी वेबसाइट पर ले जाते हैं जहां उन्हें निजी या वित्तीय जानकारी मुहैया करवानी होती है.''
परामर्श में कहा गया है कि ऐसे साइबर हमलावरों के पास 20 लाख लोगों के ईमेल आईडी हो सकते हैं और वे ईमेल भेजने की योजना बना रहे हैं जिनमें विषय की जगह लिखा हो सकता है - 'दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई और अहमदाबाद में सभी नागरिकों के लिए कोविड-19 की जांच मुफ्त.
साइबर सुरक्षा एजेंसी ने लोगों से इस तरह के ई-मेल और संदेश नहीं खोलने का आग्रह किया है. साथ ही इस तरह के ई-मेल की जानकारी incident@cert-in.org.in पर देने के लिए कहा है ताकि इनका विश्लेषण और जरूरी कार्रवाई की जा सके.
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