नए डिजिटल रूल्स पर ट्विटर ने तोड़ी चुप्पी, कहा- 'भारत में स्टाफ की सुरक्षा पर हैं चिंतित'
नए नियमों के तहत सूचना प्रसारण मंत्रालय ने कंपनी के नाम, निदेशक के नाम, पते, फोन नंबर, शिकायत निवारण अधिकारी, स्वनियमन की व्यवस्था आदि की जानकारी मांगी. मंत्रालय के मुताबिक अभी तक करीब 60 डिजीटल न्यूज प्लेटफॉर्म ने बताया है कि उन्होंने नए नियमों के तहत सेल्फ रेग्यूलेशन संस्था बनाना शुरू कर दिया है. कुछ प्रकाशकों ने मंत्रालय को नए नियमों के तहत पंजीकरण कि लिए लिखा है.
सूचना प्रसारण मंत्रालय ने डिजीटल मीडिया प्लेटफॉर्म को तीन श्रेणियों में बांटा है. पहली श्रेणी उन परंपरागत प्रकाशकों की है जो अपने अखबार या टीवी के अलावा डिजीटल माध्यम में समाचार देते हैं. दूसरी श्रेणी डिजीटल न्यूज प्रकाशकों की है. तीसरी श्रेणी ओवर द टॉप यानी ओटीटी प्लेटफॉर्म की बनाई गई है जो डिजीटल माध्यम से मनोरंजन तथा दूसरी जानकारियां देते हैं.
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पहली श्रेणी के प्रकाशकों से बुनियादी सूचनाएं जैसे नाम, यूआरएल, भाषा, ऐप, सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी पूछी गई. साथ ही, उन्हें टीवी चैनल की अनुमति, या अखबार का आरएनआई पंजीकरण क्रमांक, कॉंटेक्ट सूचना, और शिकायत निवारण की व्यवस्था के बारे में बताना होगा.
दूसरी श्रेणी में भी तकरीबन यही जानकारियां मांगी गईं लेकिन इसमें कंपनी आइडेंटिफिकेशन नंबर और निदेशक मंडल की जानकारी भी पूछी गई है अगर वे कंपनियां हैं तो.
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तीसरी श्रेणी में भी नाम, पता, यूआरएल, ऐप का नाम वगैरह पूछा गया है. विदेशी ओटीटी के मामलों में पंजीकरण का देश बताना होगा और भारत में किस दिन से काम शुरू किया यह भी बताना होगा. ओटीटी को भी शिकायत निवारण व्यवस्था के बारे में जानकारी देनी होगी जिसमें कंटेट मैनेजर का नाम भी बताना होगा.
गौरतलब है कि नए नियमों को कई डिजीटल प्रकाशकों ने अलग-अलग हाई कोर्ट में चुनौती दे रखी है. उनकी याचिकाओं पर नोटिस जारी किए गए हैं.
भारत में नए डिजिटल रूल्स पर ट्विटर ने तोड़ी चुप्पी