नई दिल्ली:
नेपाल में भूकम्प पीड़ितों के लिए काम करने अगर आरएसएस के सेवक जाना चाहते हैं तो वो जा सकते हैं। केंद्र सरकार को इसमें कोई आपत्ति नहीं है।
गृह सचिव एलसी गोयल ने पत्रकारों को कहा कि कोई भी जाना चाहता है तो जाए, सब जा सकते हैं। हालांकि उन्होंने ये साफ़ नहीं किया कि आरएसएस के लोगों को एनजीओ की तर्ज़ पर सरकार रखेगी या नहीं।
एनडीटीवी इंडिया के सवाल पर गृह सचिव ने साफ़ किया कि एनज ओ को लेकर क्या कानून हैं वह इस बारे में साफ़ नहीं है, लेकिन अगर कोई मदद करना चाहता है तो हम लोग भी मदद करेंगे। उधर विपक्ष का कहना है कि आरएसएस को मनाही न हो लेकिन बाकी एनजीओ को लेकर सरकार बड़ी सख्त है।
दरअसल इस मुद्दे ने तूल तब पकड़ा जब भारतीय जनता पार्टी की नेता शाइना एनसी ने ट्वीट किया कि आरएसएस के 20000 लोग मदद के लिए काठमांडू पहुंच गए हैं। जल्द ही शाइना का ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। लेकिन तस्वीर तब बदल गयी जब कुछ समय बाद आरएसएस ने ट्वीट करके इस बात का खंडन किया और कहा कि आरएसएस की नेपाल की शाखा हिन्दू स्वयं सेवक संघ के साथ वो काम कर रहा है।
गृह सचिव एलसी गोयल ने पत्रकारों को कहा कि कोई भी जाना चाहता है तो जाए, सब जा सकते हैं। हालांकि उन्होंने ये साफ़ नहीं किया कि आरएसएस के लोगों को एनजीओ की तर्ज़ पर सरकार रखेगी या नहीं।
एनडीटीवी इंडिया के सवाल पर गृह सचिव ने साफ़ किया कि एनज ओ को लेकर क्या कानून हैं वह इस बारे में साफ़ नहीं है, लेकिन अगर कोई मदद करना चाहता है तो हम लोग भी मदद करेंगे। उधर विपक्ष का कहना है कि आरएसएस को मनाही न हो लेकिन बाकी एनजीओ को लेकर सरकार बड़ी सख्त है।
दरअसल इस मुद्दे ने तूल तब पकड़ा जब भारतीय जनता पार्टी की नेता शाइना एनसी ने ट्वीट किया कि आरएसएस के 20000 लोग मदद के लिए काठमांडू पहुंच गए हैं। जल्द ही शाइना का ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। लेकिन तस्वीर तब बदल गयी जब कुछ समय बाद आरएसएस ने ट्वीट करके इस बात का खंडन किया और कहा कि आरएसएस की नेपाल की शाखा हिन्दू स्वयं सेवक संघ के साथ वो काम कर रहा है।
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