
- PM मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सौ वर्ष पूरे होने पर अपने भाषण में इसे देश के गौरव का हिस्सा बताया.
- PM मोदी ने RSS को विश्व का सबसे बड़ा गैर-सरकारी संगठन करार देते हुए उसके सौ वर्ष के समर्पण को याद किया.
- विपक्षी दलों ने पीएम मोदी के RSS के उल्लेख पर प्रतिक्रिया दी और संगठन के इतिहास के बारे में बताया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले के प्राचीर से अपना 12वां और ऐतिहासिक भाषण दिया. पीएम मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के 100 साल के गौरवकालीन इतिहास का जिक्र किया. लेकिन इसको लेकर सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस-सपा समेत कई दलों ने इसकी आलोचना की है. विपक्षी दलों ने इसे स्वतंत्रता दिवस का राजनीतिकरण बताया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि पिछले 100 सालों में देश के निर्माण में RSS की भूमिका बेहद खास रही है. उन्होंने संघ को दुनिया का सबसे बड़ा कल्याणकारी एनजीओ बताया.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि पीएम मोदी पद पर बने रहने के लिए आरएसएस की दया और सरसंघचालक मोहन भागवत के आशीर्वाद पर निर्भर हैं. इसलिए उन्होंने लाल किले की प्राचीर से इस संगठन को खुश करने की कोशिश की.व्यक्तिगत और संगठनात्मक लाभ के लिए स्वतंत्रता दिवस का यह राजनीतिकरण है. रमेश ने लिखा, प्रधानमंत्री का भाषण पुराना, नीरस और उबाऊ था. विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत जैसे नारे साल-दर-साल दोहराए जा रहे हैं. लाल किले की प्राचीर से आरएसएस का नाम लेना था जो एक संवैधानिक, धर्मनिरपेक्ष गणराज्य की भावना का घोर उल्लंघन है.
#WATCH दिल्ली: RJD नेता मनोज झा ने कहा, "11 सालों में लाल किले की प्राचीर से जब प्रधानमंत्री बोलते हैं तो हमें उम्मीद होती है कि देश के प्रधानमंत्री की तरह बिना विद्वेष, पूर्वाग्रह, झुकाव के बोलेंगे। प्रधानमंत्री हर बार निराश करते हैं...आजादी का दिन है RSS की भूमिका पर चर्चा होती… https://t.co/BuGwsuqwMZ pic.twitter.com/6us03m7yaz
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 15, 2025
राजद नेता मनोज झा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस संबोधन पर कहा, "11 सालों में लाल किले की प्राचीर से जब प्रधानमंत्री बोलते हैं तो हमें उम्मीद होती है कि देश के प्रधानमंत्री की तरह बिना विद्वेष, पूर्वाग्रह, झुकाव के बोलेंगे. प्रधानमंत्री हर बार निराश करते हैं. आजादी का दिन है RSS की भूमिका पर चर्चा होती तो हमें बेहद खुशी होती. एक सांस्कृतिक संगठन है, आजादी में उसकी भूमिका का मूल्यांकन देश के प्रधानमंत्री को करना चाहिए. आज फर्क करना मुश्किल हो गया कि चुनावी भाषण है या लाल किले की प्राचीर से देश के लिए संबोधन है."
इसे तो अंग्रेज ने देश का विभाजन कराने की नीयत से बनाया था
समाजवादी पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लाल किले के प्राचीर से RSS के जिक्र पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि कुछ इतिहासकार बताते हैं कि संगठन अंग्रेजों ने बनाए थे ताकि भारत को धर्म के आधार पर विभाजित किया जा सके. हिंदू और मुस्लमान की खाई पैदा की जा सके.
उन्हें गर्व है हमें नहीं
कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि उन्हें (बीजेपी) को आरएसएस पर गर्व है लेकिन हमें नहीं है. देश में कुछ लोगों को आरएसएस पर गर्व है लेकिन कुछ को कष्ट है. आज (स्वतंत्रता दिवस) का दिन है ये बात नहीं करनी चाहिए.
जाहिर है पीएम मोदी तारीफ करेंगे
कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने भी पीएम की इस टिप्पणी पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि बीजेपी आरएसएस का अंग है तो जाहिर है पीएम मोदी इसकी तारीफ करेंगे. लेकिन आजादी के आंदोलन में सबसे ज्यादा योगदान कांग्रेस का है.
पीएम मोदी ने लाल किले से RSS पर कही थी ये बात
पीएम मोदी ने आरएसएस को दुनिया का सबसे बड़ा गैरसरकार संगठन बताया था. पीएम ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का 100 साल का समर्पण का इतिहास रहा है. पिछले 12 सालों में यह पहला मौका था जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले के प्राचीर से आरएसएस का जिक्र किया. इस संगठन की देशसेवा की यात्रा पर देश गर्व करता है.उन्होंने कहा कि आरएसएस का सेवा-समर्पण का भाव पूरी दुनिया के लिए प्रेरणास्रोत है. प्रधानमंत्री ने कहा, आरएसएस 100 साल का सेवा-त्याग का इतिहास है. आज लाल किले की प्राचीर से 100 साल की इस राष्ट्रसेवा की यात्रा में योगदान करने वाले सभी स्वयंसेवकों को आदरपूर्वक स्मरण करता हूं. आरएसएस की 100 साल की भव्य, समर्पित यात्रा पर देश गर्व करता है.
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