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This Article is From Sep 30, 2020

कोरोना वैक्सीन के लिए 80000 करोड़ के आंकड़े से सहमत नहीं : केंद्र सरकार

अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) के सवाल पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय सहमत नहीं है. मंत्रालय का कहना है कि सरकार के पास वैक्सीन के लिए पर्याप्त फंड है.

कोरोना वैक्सीन के लिए 80000 करोड़ के आंकड़े से सहमत नहीं : केंद्र सरकार
कोरोना वैक्सीन अगले साल की शुरुआत में आ सकती है. (सांकेतिक तस्वीर)
नई दिल्ली:

सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के CEO अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) ने केंद्र सरकार से सवाल किया था कि क्या सरकार के पास कोरोनावायरस (Coronavirus) की वैक्सीन को खरीदने और उसके वितरण के लिए 80,000 करोड़ रुपये हैं. उनके इस सवाल पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय सहमत नहीं है. मंत्रालय का कहना है कि सरकार के पास वैक्सीन के लिए पर्याप्त फंड है. स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत के दौरान पूनावाला के ट्वीट पर यह बात कही.

उन्होंने कहा, 'जिस व्यक्ति ने ये ट्वीट किया था, उन्होंने अगले दिन इसपर सफाई भी दी. हम 80,000 करोड़ के आंकड़े से सहमत नहीं हैं. सरकार ने वैक्सीन प्रशासन पर एक राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह बनाया है और उन्होंने अब तक पांच बैठकें की हैं. इन बैठकों में हमने COVID-19 वैक्सीन वितरण की प्रक्रिया और इसके लिए जरूरी राशि के संदर्भ में बातचीत की है. इन मीटिंग में हमने जरूरी रकम के बारे में विस्तार से चर्चा की और इस समय सरकार के पास रकम उपलब्ध है.'

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बता दें कि अदार पूनावाला ने ट्वीट किया था, 'क्या भारत सरकार के पास अगले एक साल के दौरान 80,000 करोड़ रुपये उपलब्ध होंगे? भारत में सभी के लिए टीका खरीदने और उसका वितरण करने के लिए इतनी राशि की जरूरत होगी.' उन्होंने इस ट्वीट में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को भी टैग किया था. पूनावाला ने कहा कि अगली चुनौती यह है, जिससे हमें जूझना होगा. इस ट्वीट के अगले दिन उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का एक वीडियो ट्वीट करते हुए कोरोना वैक्सीन की दिशा में सरकार के प्रयासों की सराहना की थी. सरकार का कहना है कि अगले साल की शुरुआत तक कोरोना की वैक्सीन तैयार हो सकती है.

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गौरतलब है कि SII ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के जेनर इंस्टिट्यूट द्वारा विकसित संभावित टीके का ब्रिटेन-स्वीडन की फार्मा कंपनी एस्ट्रजेनेका के साथ सहयोग में विनिर्माण के लिए करार किया है. इससे पहले SII ने घोषणा की थी कि वह भारत सहित निम्न और मध्यम आय वर्ग के देशों को यह टीका तीन डॉलर में उपलब्ध कराएगी. (इनपुट भाषा से भी)

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