लगातार बढ़ती गर्मी के बीच देश के बड़े जलाशय सूखते जा रहे हैं. पश्चिमी और दक्षिणी भारत के कई राज्यों में पानी का संकट गहराता जा रहा है. राजस्थान का चुरू शहर 50.2 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ दुनिया का सबसे गर्म शहर रहा. मॉनसून इस साल 5 दिन देरी से आने वाला है. यानी इस साल आम लोगों को बढ़ती गर्मी का कहर कुछ दिन और झेलना होगा, लेकिन बढ़ती गर्मी की वजह से जलाशय तेज़ी से सूखते जा रहे हैं. बता दें कि पश्चिमी भारत के 27 बड़े जलाशयों में इस्तेमाल के लिए क्षमता का सिर्फ 11 प्रतिशत पानी बचा है. महाराष्ट्र के जलाशयों में पानी का स्तर सामान्य से प्रतिशत घट गया है. गुजरात के जलाशयों में पानी सामान्य से 27 प्रतिशत नीचे गिर गया है. दक्षिणी भारत में आंध्र प्रदेश में सबसे ज़्यादा गिरावट दर्ज़ हुई है. आंध्र के जलाशयों में पानी का स्तर सामान्य से 84 प्रतिशत कम है, जबकि तमिलनाडु में गिरावट 36 प्रतिशत और तेलंगाना में 30 प्रतिशत है.
गर्मी के साथ बढ़ता पानी संकट, देश के 91 बड़े जलाशयों में औसत से कम बचा है पानी
मौसम विभाग के एडीजी आनंद शर्मा ने एनडीटीवी से कहा, "400 ज़िलों के लिए आकस्मिक योजना (contingency plan) पहले से तैयार है. उनके मुताबिक, महाराष्ट्र में ऐसे कई जलाशय हैं जिनमें पानी इस्तेमाल करने के लायक भी नहीं बचा है." उन्होंने कहा, " एग्रीकल्चर मिनिस्ट्री की क्रॉप वेदर वॉच ग्रुप परिस्थितियों को मॉनिटर कर रही है. केंद्र ने राज्यों को इस संबंध में एडवाइजरी भेजी है और कहा है कि बचे हुए पानी विवेकपूर्ण तरीके से इस्तेमाल करें.ठ
बृहन्मुंबई महानगर पालिका ने सात जलाशयों में 85 प्रतिशत पानी होने की बात कही
अब हालात से निपटने के लिए सरकारों ने कई स्तर पर पहल शुरू की है. केन्दीय जल आयोग ने पानी का संकट झेल रहे राज्यों को बचे हुए पानी का इस्तेमाल सोच-समझकर करने को कहा है. पेयजल को प्राथमिकता देने को कहा है. सिंचाई और बिजली के लिए पानी बाद में छोड़ने की सलाह दी है. मॉनसून की देरी ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है. इससे साफ है कि मॉनसून की दिशा और दशा ये तय करेगी कि ये संकट कितना बड़ा हो सकता है.
VIDEO: पानी की समस्या से जूझते देश भर के जलाशय
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