जम्मू-कश्मीर में 10 हजार अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती के फैसले के हफ्ते भर के अंदर ही केंद्र सरकार घाटी में 25,000 और जवानों को भेज रही है. आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि जवान बृहस्पतिवार की सुबह से घाटी में पहुंचने लगे हैं और उन्हें राज्य के अलग-अलग इलाकों में तैनात किया जा रहा है. जम्मू-कश्मीर में इतनी बड़ी संख्या में जवानों की तैनाती के बाद अलग-अलग तरह के कयास लगने शुरू हो गए हैं. पिछले सप्ताह सरकार ने कहा था कि घाटी में आतंकवाद विरोधी कार्रवाई को और मजबूती देने के लिए सुरक्षाबलों की 100 कंपनियां और तैनात की जा रही हैं. आपको बता दें कि बुधवार को ही जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अनुच्छेद 35-ए हटाने की अटकलों को साफ खारिज कर दिया था. उन्होंने कहा था कि इस तरह की कोई योजना नहीं है.
इस बीच अमरनाथ यात्रा भी 4 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी गई है. सरकार का कहना है कि खराब मौसम की वजह से ये निर्णय लिया गया है. हालांकि मौसम विभाग ने किसी भी तरह के बड़े बदलाव का कोई अनुमान नहीं लगाया है. आधिकारिक सूत्रों का यह भी कहना है कि अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में लगे कुछ जवानों को भी कानून व्यस्था को ध्यान में रखते हुए दूसरी जगहों पर भेजा जा रहा है. आपको बता दें कि अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में करीब 400 टुकड़ी यानी 40 हजार के आसपास जवान तैनात किये गए हैं. सूत्रों का यह भी कहना है कि घाटी में तैनात सभी सुरक्षाबलों को किसी भी स्थिति से तत्काल निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है.
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दूसरी तरफ, सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत बृहस्पतिवार को सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए श्रीनगर पहुंच गए हैं. सेना के प्रवक्ता का कहना है कि सेना प्रमुख अगले दो दिनों तक कश्मीर में ही रहेंगे. आपको बता दें कि पिछले हफ्ते ही केंद्र सरकार ने घाटी में 10 हजार अतिरिक्त जवानों की तैनाती की थी. अतिरिक्त जवानों की तैनाती का फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval) के जम्मू-कश्मीर के दो दिन के दौरे से लौटने के बाद लिया गया था.
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