यह ख़बर 23 अगस्त, 2012 को प्रकाशित हुई थी

संजय दत्त को आर्म्स एक्ट से बरी न किया जाए : सीबीआई

खास बातें

  • फिल्म अभिनेता संजय दत्त को एक जोरदार झटका देते हुए सीबीआई ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि 1993 के मुंबई धमाकों के मामलों में अभिनेता को दोषी ठहराए जाने वाले फैसले को कायम रखा जाए।
नई दिल्ली:

फिल्म अभिनेता संजय दत्त को एक जोरदार झटका देते हुए सीबीआई ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि 1993 के मुंबई धमाकों के मामलों में अभिनेता को दोषी ठहराए जाने वाले फैसले को कायम रखा जाए।

आर्म्स एक्ट के तहत दोषी ठहराए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर संजय दत्त की अर्जी पर सुनवाई के दौरान सीबीआई ने यह बात कही। वर्ष 1993 में धमाकों के बाद मॉरिशस से शूटिंग कर लौटे संजय दत्त को मुंबई पहुंचते ही गिरफ्तार कर लिया गया था।

उन्हें सशर्त जमानत पर रिहा होने से पहले 18 महीने जेल में काटने पड़े और उसके बाद 2007 में विशेष टाडा अदालत ने उन्हें 9 एमएम पिस्टल और एके-56 राइफल रखने का दोषी करार दिया। हालांकि कोर्ट ने टाडा कानून के तहत उन पर लगाए इससे कहीं ज्यादा गंभीर आरोपों से उन्हें बरी कर दिया था। उस वक्त सीबीआई ने बरी किए जाने को कोई चुनौती नहीं दी थी, तथा संजय दत्त को इसके बाद छह साल कैद की सजा सुनाई गई थी।

अगस्त, 2007 में संजय ने खुद को दोषी ठहराए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की तथा जमानत दिए जाने की मांग की, जिसके बाद नवंबर में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।

सीबीआई ने आज संजय दत्त की अपील की मुखालफत करते हुए कहा कि उन्हें दोषी ठहराए जाने तथा छह साल कैद की सजा को कायम रखा जाए, हालांकि सीबीआई ने आज भी इस बात पर कतई जोर नहीं दिया कि उनके खिलाफ टाडा के मामले चलाए जाएं। सूत्रों के मुताबिक सीबीआई को टाडा एक्ट के तहत लगाए गए आरोपों से संजय को बरी किए जाने के फैसले पर कोई आपत्ति नहीं है।

संजय ने अपनी अपील में कहा कि उनके पास 9 एमएम की पिस्टल सितंबर, 1992 से ही मौजूद थी। उन्होंने यह भी कहा कि उनके घर से या उनके पास से कोई हथियार या गोला-बारूद बरामद नहीं हुआ।

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उल्लेखनीय है कि 12 मार्च, 1993 को मुंबई में एक के बाद एक कई धमाके हुए थे, जिनमें 257 लोग मारे गए थे और 713 घायल हुए थे। इन धमाकों में 27 करोड़ की संपत्ति का नुकसान हुआ था। सीबीआई ने 123 अभियुक्तों पर मुकदमे चलाए, जिनमें से टाडा कोर्ट ने 100 को दोषी ठहराया और बाकियों को बरी कर दिया गया।