सीबीआई ने लखनऊ के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के वरिष्ठ अधीक्षक विकास मिश्रा के परिसरों पर छापेमारी की और 12 लाख रुपये नकद और 31 लाख रुपये मूल्य की संपत्ति के दस्तावेज बरामद किए. विकास मिश्रा के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति इकट्ठी करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा पर सीबीआई ने शिकंजा कस दिया है. इस पासपोर्ट अधिकारी ने 2018 में अलग-अलग धर्मों को मानने वाले दंपत्ति को पासपोर्ट देने से इनकार कर दिया था. इस मामले में वे सुर्खियों में आ गए थे. उस समय विकास मिश्रा लखनऊ में पदस्थ थे.
पासपोर्ट न देने पर दंपत्ति ने लखनऊ के स्थानीय पासपोर्ट कार्यालय में उत्पीड़न किए जाने का आरोप लगाया था. तन्वी सेठ ने इससे जुड़ी घटना में श्रृंखलाबद्ध ट्वीट करके तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को टैग किया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि एक मुस्लिम से विवाह करने को लेकर उनके साथ बुरा व्यवहार किया गया. उन्होंने शादी के 12 साल बाद भी अपना नाम नहीं बदला था. उन्होंने दावा किया था कि पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा ने उनसे अभद्र ढंग से बात की थी. तन्वी व उनके पति मोहम्मद अनस सिद्दीकी का पासपोर्ट अधिकारी ने रोके रखा था.
ट्वीट के वायरल होने के बाद पासपोर्ट विभाग कार्रवाई में जुट गया था. तन्वी और उनके पति को पासपोर्ट जारी किया गया और मिश्रा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. उन्हें बाद में दोषी पाया गया और उनका वाराणसी ट्रांसफर कर दिया गया.
भारी विवाद के बाद आखिरकार तन्वी सेठ और अनस सिद्दीकी को पासपोर्ट जारी
जांच एजेंसी सीबीआई ने शनिवार को चार स्थानों पर छापेमारी की, जिनमें तीन लखनऊ में और एक वाराणसी में है. छापेमारी के दौरान एजेंसी ने 12 लाख रुपये नकद, पांच लाख रुपये के आभूषण खरीदने के बिल, 26 लाख रुपये की सावधि जमा के कागजात और 45 बैंक खातों से जुड़े दस्तावेज जब्त किए.
VIDEO : हिंदू-मुस्लिम जोड़े को विदेश मंत्रालय के दखल के बाद मिला पासपोर्ट
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