सीबीआई का अगला प्रमुख कौन होगा इसको लेकर संशय बरकरार है क्योंकि शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली चयन समिति की दूसरी बैठक में इस पर कोई फैसला नहीं हो पाया. अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी. इससे पहले दिन में, उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह अंतरिम सीबीआई निदेशक की नियुक्ति के खिलाफ नहीं है लेकिन केन्द्र को तत्काल केन्द्रीय जांच ब्यूरो के नियमित निदेशक की नियुक्ति करनी चाहिए.शीर्ष अदालत ने कहा कि सीबीआई निदेशक का पद संवेदनशील है और लंबे समय तक इस पद पर अंतरिम निदेशक को रखना अच्छी बात नहीं है. पीठ ने इस टिप्पणी के साथ ही सरकार से जानना चाहा कि अभी तक इस पद पर नियुक्ति क्यों नहीं की गयी.
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चयन समिति की बैठक का ब्यौरा दिए बिना एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि बैठक के दौरान कोई फैसला नहीं हो पाया. आलोक वर्मा को हटाए जाने के बाद से सीबीआई प्रमुख का पद 10 जनवरी से ही खाली है. भ्रष्टाचार के आरोपों पर गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना के साथ वर्मा का टकराव हुआ था. वर्मा और अस्थाना दोनों ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे.वर्मा के हटाए जाने के बाद से एम. नागेश्वर राव अंतरिम सीबीआई प्रमुख के तौर पर काम कर रहे हैं. शुक्रवार की बैठक प्रधानमंत्री के आवास पर हुई.
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यह बैठक एक घंटे से ज्यादा समय तक चली. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ओर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे बैठक में शामिल हुए. इससे पहले 24 जनवरी को बैठक हुई थी लेकिन सीबीआई प्रमुख पर कोई फैसला नहीं हो पाया था. पिछली बैठक में समिति के सदस्यों से कुछ योग्य अधिकारियों की सूची और उनकी फाइलें साझा की गयी. प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली समिति द्वारा सीबीआई निदेशक पद से हटाए जाने के बाद वर्मा को महानिदेशक दमकल सेवा, नागरिक सुरक्षा और गृह रक्षा बनाया गया था. हालांकि, वर्मा ने इस पद को स्वीकार नहीं किया. (इनपुट भाषा से)