सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने सोशल मीडिया में चल रही खबरों की जांच शुरू की है जिसमें कुछ भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के अधिकारियों द्वारा कोविड-19 से निपटने के लिए विकल्पों पर FORCE नाम की एक 44 पेज की रिपोर्ट तैयार करने का ज़िक्र है. केंद्र सरकार ने आज कहा कि कोरोना महामारी की पृष्ठभूमि में सरकार के राजस्व को बढ़ाने के लिए भारतीय राजस्व सेवा अधिकारियों का कर बढ़ाने का प्रस्ताव "अनुशासनहीनता का काम" है. इस तरह की रिपोर्ट न तो मांगी गई थी और न ही इसे तैयार करना आईआरएस एसोसिएशन का कर्तव्य है. सरकार ने एसोसिएशन के कदम को "कदाचार" और "अनुशासनहीनता" का काम बताया.
सीबीडीटी (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) के अध्यक्ष ने एसोसिएशन के पदाधिकारियों से मामले पर स्पष्टीकरण मांगा है. उन्हें ही कर बढ़ाने के प्रस्ताव की रिपोर्ट सौंपी गई थी. सोशल मीडिया पर चल रही ख़बरों के मुताबिक इस रिपोर्ट में कुछ युवा भारतीय राजस्व सेवा (IRS) अधिकारियों ने कोरोना वायरस से हो रहे आर्थिक नुकसान से निपटने के लिए सुपर रिच पर टैक्स बढ़ाकर 40% करने, महामारी सेस लगाने और विदेशी कंपनियों पर ज्यादा टैक्स लगाने का सुझाव दिया है.
CBDT ने इस बारे में एक बयान जारी कर रविवार को कहा, "ये स्पष्ट किया जाता है कि CBDT ने IRS एसोसिएशन या इन अधिकारियों को ऐसी कोई रिपोर्ट तैयार करने को नहीं कहा है. न ही इन अधिकारियों ने अपनी निजी राय सार्वजानिक करने से पहले CBDT से इस बारे में कोई अनुमति मांगी. ये अधिकारियों के कंडक्ट रूल्स का उल्लंघन है. इस बारे में जरूरी जांच शुरू की जा रही है."
CBDT ने ये भी साफ़ कर दिया है कि कुछ IRS अधिकारियों की ये रिपोर्ट किसी भी तरह से वित्त मंत्रालय की राय को नहीं दर्शाती है.
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