सुप्रीम कोर्ट - (फाइल फोटो)
कोयम्बटूर में दस साल की बच्ची और भाई की हत्या का मामला में सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी और दोषी मनोहरन की फांसी बरकरार रखी है. जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस संजीव खन्ना ने फांसी बरकरार रखी, जबकि जस्टिस संजीव खन्ना ने इस फैसले से असहमति जताते हुए उम्रकैद दी. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दोषी की फांसी पर रोक लगाई थी. मनोहरन की फांसी 20 सितंबर को होनी थी.
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बता दें कि अगस्त में सुप्रीम कोर्ट (2:1 के बहुमत से) ने दस साल की लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार में शामिल एक व्यक्ति को मौत की सजा को बरकरार रखा. दोषी ने बच्ची और उसके भाई की हत्या भी कर दी थी. दरअसल पुजारी मोहनकृष्णन और मनोहरन पर नाबालिग बच्चों की मौत के जघन्य अपराध का आरोप लगाया गया था. मोहनकृष्णन एक पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था. मनोहरन को ट्रायल कोर्ट ने मौत की सजा दी थी, जिसकी पुष्टि बाद में मद्रास हाईकोर्ट ने की.
मनोहरन द्वारा हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर तीन जजों की बेंच ने सुनवाई की, जिसमें जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस संजीव खन्ना शामिल थे. जस्टिस संजीव खन्ना ने इस फैसले से असहमति जताई थी.
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