कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के साये में और सख्त COVID-19 प्रोटोकॉल के बीच संसद का बजट सत्र (Budget Session 2021) शुक्रवार से शुरू हो चुका है. आम बजट (Union Budget) 1 फरवरी को पेश किया जाएगा. अप्रैल के पहले सप्ताह तक चलने वाले इस बजट सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं. विपक्ष किसान आंदोलन (Farmers Protest) के बीच कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में है. बजट सत्र की शुरूआत शुक्रवार सुबह राष्ट्रपति द्वारा दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के साथ हुई. कांग्रेस समेत देश के 19 विपक्षी दलों ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के बहिष्कार का फैसला किया है. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने बृहस्पतिवार को यह बात कही. राज्यसभा के अध्यक्ष और उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने अन्य सदस्यों के साथ कोरोनावायरस टेस्ट करवाया. इसके अलावा, राज्यसभा सचिवालय के 1,200 से ज्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी कोविड टेस्ट कराया. अब तक कोई भी संक्रमित नहीं पाया गया है.
कोरोनावायरस संकट के मद्देनजर मॉनसूत्र सत्र छोटा किए जाने के बाद यह संसद का पहला सत्र होगा. COVID-19 महामारी के कारण संसद का शीतकालीन सत्र नहीं बुलाया जा सका था. बजट सत्र में प्रश्नकाल आयोजित होगा. समय की कमी के कारण पिछले सत्र में प्रश्नकाल नहीं हो सका था. वहीं, लोकसभा सचिवालय ने कहा है कि इस बार बजट की प्रति, दस्तावेज और आर्थिक सर्वेक्षण सदन के पटल पर रखे जाने के बाद ऑनलाइन/डिजिटल माध्यम से उपलब्ध कराए जाएंगे और कागज की प्रतियां उपलब्ध नहीं होगी. बता दें कि संसद के बजट सत्र का पहला हिस्सा 15 फरवरी को समाप्त होगा. दूसरा हिस्सा 8 मार्च से शुरू होकर 8 अप्रैल तक चलेगा.
LIVE Updates of Budget Session 2021:
Proceedings of the House begin in Rajya Sabha.#BudgetSession2021 pic.twitter.com/k9dHvAmYGB
- ANI (@ANI) January 29, 2021
Rajya Sabha will resume at 3 pm today; Economic Survey 2020-21 to be tabled at the Parliament today.
- ANI (@ANI) January 29, 2021
पीएम मोदी ने बजट सत्र से पहले कहा कि सभी प्रकार के विचारों का स्वागत है. दशक का पहला सत्र है.
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि मैं विपक्ष से अपील करता हूं कि आप दोबारा विचार करें, क्योंकि राष्ट्रपति के अभिभाषण का बायकॉट करना संसदीय परंपरा के खिलाफ है.