पिछले एक दशक में बड़े उतार-चढ़ाव देखने वाले भारत के टेलीकॉम सेक्टर में 5G बड़े बदलाव ला सकता है. ऐसे में सरकार देश में 5G टेक्नोलॉजी के बुनियादी ढांचे व निवेश, तकनीक पर शोध एवं विकास, डिजाइन के लिए नई नीति की घोषणा कर सकती है, जो देश में 5 लाख करोड़ डॉलर (5 ट्रिलियन डॉलर) की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन सकती है. वित्तीय सलाहकार कंपनी डेलॉयट इंडिया ने बजट से जुड़ी रिपोर्ट (Budget 2021 Expectation)में कहा है कि दुनिया भर की दिग्गज टेलीकॉम कंपनियां भारत में अपना ढांचा स्थापित करें, इसके लिए सरकार PLI scheme लेकर आई थी. लेकिन रोजगार और आर्थिक वृद्धि को रफ्तार देने के लिए अन्य प्रोत्साहनों की दरकार है.
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स्मार्ट इंडिया की मुहिम
इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) भी स्मार्ट इंडिया अभियान का अहम हिस्सा है. अनुमान है कि 2025 तक दुनिया भर में 25 अरब डॉलर के उपकरण इंटरनेट ऑफ थिंग्स से जुड़े होंगे. टीवी, फ्रिज, दरवाजों से लेकर घर की हर चीज आईओटी से नियंत्रित होगी. 5जी से जुड़े IoT उपकरण स्मार्ट सिटी और स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग में बड़ी भूमिका निभाएंगे. नेशनल डिजिटल कम्यूनिकेशन पॉलिसी 2018 के तहत सरकार ने पहले ही डिजिटल कम्यूनिकेशन को GDP के 8 फीसदी तक ले जाने का लक्ष्य रखा है. साथ ही 100 अरब डॉलर के निवेश और हर नागरिक तक 50 एमबीपीएस की ब्राडबैंड स्पीड सुनिश्चित करने का लक्ष्य है. ऐसे में डिजिटल नीति के तहत प्रोत्साहन और कर छूट का ऐलान हो सकता है.
5G की कीमत बड़ी चिंता
भारत में 5जी का स्पेक्ट्रम प्राइस दक्षिण कोरिया, अमेरिका जैसे अन्य बाजारों की तुलना में 30-40 फीसदी ज्यादा है. ऐसे में पहले ही घाटे से जूझ रहीं टेलीकॉम कंपनियां मदद की गुहार लगा रही हैं.
मेक इन इंडिया के लिए प्रोत्साहन
डेलॉयट (Deloitte)ने बजट से जुड़ी दूरसंचार क्षेत्र की उम्मीदों पर कहा है कि मेक इन इंडिया के तहत भारत के 5G सेक्टर में निवेश, उपकरणों के निर्माण स्थापित करने के लिए कंपनियों को कर छूट, प्रोत्साहन पैकेज दिया जा सकता है. इससे रोजगार बढ़ने के साथ देश के MSME सेक्टर को भी लाभ पहुंचेगा.
टैक्स-लाइसेंसिंग में बदलाव की मांग
5G स्पेक्ट्रम खरीद या लांचिंग के लिए इनसेंटिव प्लान के अलावा टैक्स या लाइसेंस फीस में कुछ साल की राहत की मांग भी की गई है. ताकि भारत 5जी में दुनिया के मुकाबले प्रतिस्पर्धी बाजार हो.
स्पेक्ट्रम शुल्क पर पुनर्विचार हो
टेलीकॉम कंपनियों के लिए स्पेक्ट्रम शुल्क (Spectrum Fees) और अन्य लेवी के बोझ को देखते हुए पुराने कर्ज को एकबारगी के लिए माफ करने की मांग भी हो रही है.रिट्रोस्पेक्टिव टैक्स, रॉयल्टी पर स्थिति स्पष्ट करने के साथ सरकार दूरसंचार क्षेत्र में उठे विवादों के जल्द हल करने की ओर बढ़े.
शोध एवं विकास (R&D)पर प्रोत्साहन की दरकार
भारत वैश्विक स्तर पर शोध एवं विकास (R&D) का बड़ा केंद्र बनकर उभरा है, जहां 1140 R&D केंद्रों में 9 लाख से ज्यादा पेशेवर काम कर रहे हैं.
सरकार टेलीकॉम सेक्टर में आऱएंडडी पर खर्च के 200 फीसदी तक कर कटौती की स्कीम को आगे बढ़ा सकती है. इससे भारत साइंस एवं इंजीनियरिंग का बड़ा केंद्र बनकर उभरेगा और चीन से मुकाबला कर पाएगा.
टेलीकॉम उपकरणों पर कस्टम ड्यूटी घटे
5जी लांचिंग की रफ्तार तेज करने के लिए सरकार दूरसंचार उपकरणों (Telecom Devices)पर कस्टम ड्यूटी 20 से घटाकर 10 फीसदी करने पर निर्णय कर सकती है. जीएसटी (GST) के तहत टेलीकॉम टॉवरों पर इनपुट क्रेडिट को दोबारा मंजूरी देने की मांग उठ रही है.
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