(फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को केन्द्र से दो रोहिंग्या शरणार्थियों की नई याचिका पर जवाब मांगा जिसमें आरोप लगाया गया कि बीएसएफ शरणार्थियों को भारत में प्रवेश से रोकने के लिए हथगोलों का प्रयोग कर रहा है. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने केन्द्र को दो रोहिंग्या शरणार्थियों के अंतरिम आवेदन पर चार हफ्ते में जवाब देने को कहा. आवेदन में आरोप लगाया गया कि बीएसएफ बच्चों, विकलांगों और गर्भवती महिलाओं सहित नये शरणार्थियों को भारत में घुसने से जबरन रोक रहा है. इससे पहले दो शरणार्थियों ने रोहिंग्या मुस्लिमों को म्यामां भेजने के सरकार के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत से गुहार लगाई थी.
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अदालत ने इस मामले में आगे की सुनवाई के लिए सात मार्च की तारीख तय की.
संक्षिप्त सुनवाई के दौरान, मोहम्मद सलीमुल्ला और मोहम्मद शाकिर की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि बीएसएफ असहाय शरणार्थियों को ‘अमानवीय और निंदनीय तरीके से’ वापस भेज रहा है.
VIDEO : सुप्रीम कोर्ट पहुंचा रोहिंग्या मुस्लिमों का मसला, 18 सितंबर को सुनवाई
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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