सीमा पर मुस्तैद रहने वाली भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) आपदा के हालात में बचाव और लोगों की सेवा में भी जुटी रहती है. देश की सीमाओं की रक्षा और सेवा करने वाला यह बल अब साहसिक खेलों की अकादमी (Adventure Sports Academy) का संचालन भी करेगा. देश में साहसिक खेलों के इतिहास में एक अध्याय आज तब जुड़ गया जब भारत तिब्बत सीमा पुलिस और उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (UTDB) ने टिहरी झील में स्थापित साहसिक खेल अकादमी के संचालन के लिए 20 साल का एमओयू साइन किया.
देहरादून में आईटीबीपी के सीमा द्वार परिसर में इस समझौता पत्र पर सोमवार को आईटीबीपी के पर्वतारोहण और स्कीइंग संस्थान, एमएसआई औली के प्रिंसिपल डीआईजी गंभीर सिंह चौहान और यूटीडीबी के निदेशक प्रशांत आर्या ने हस्ताक्षर किए. इस मौके पर आईटीबीपी उत्तरी फ्रंटियर के आईजी नीलाभ किशोर विशेष तौर पर उपस्थित रहे.
इस विशेष समझौते से देश में वाटर स्पोर्ट्स को एक नया आयाम मिलने की संभावना है जबकि विशाल टिहरी झील में अब विश्व स्तरीय जल क्रीड़ा प्रशिक्षण का कार्य और पर्यटन दोनों को बढ़ावा मिलेगा. इस समझौते से आईटीबीपी के साहसिक खेलों के अनुभव का लाभ देश के साहसिक पर्यटन को मिलेगा. साथ ही इस झील में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और राज्य पुलिस बलों के जवानों की व्यापक ट्रेनिंग हो सकेगी. इस संस्था के माध्यम से स्थानीय युवाओं को भी वाटर स्पोर्ट्स की ट्रेनिंग संभव हो सकेगी.
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इस समझौते से टिहरी झील में अनेक वाटर स्पोर्ट्स जैसे कयाकिंग, कैनोइंग, रोइंग, सेलिंग, पैरासेलिंग, पैराग्लाइडिंग आदि साहसिक खेलों को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही वाटर रेस्क्यू और लाइफ सेविंग कोर्स का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा.
सन 1962 में स्थापना के बाद से ही आईटीबीपी का साहसिक खेलों में शानदार इतिहास रहा है. आईटीबीपी ने पर्वतारोहण, स्कीइंग, राफ्टिंग और अन्य साहसिक खेलों में देश में अग्रणी भूमिका निभाई है.
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