विज्ञापन
This Article is From Jan 17, 2015

लोकल ट्रेनों में बुजुर्गों के लिए रिज़र्व करो सीट : बॉम्बे हाईकोर्ट

लोकल ट्रेनों में बुजुर्गों के लिए रिज़र्व करो सीट : बॉम्बे हाईकोर्ट
मुम्बई:

मुंबई की लोकल ट्रेनों में 14 सीटें वरिष्ठ नागरिकों के लिए आरक्षित होंगी। ये फैसला बॉम्बे हाई कोर्ट ने हर लोकल ट्रेन में सीट रिजर्व रखने का आदेश दिया है, जिस पर रेलवे को 15 अप्रैल से अमल करना होगा। कोर्ट ने रेलवे प्रशासन से साफ कह दिया है कि वो ये सुनिश्चित करें कि रिजर्व सीटों का इस्तेमाल केवल सीनियर सिटीज़न ही करें, कोई और नहीं।

मुंबई में वेस्टर्न, सेंट्रल और हाबर्र लाइन की लोकल में तकरीबन हर दिन 75 लाख लोग सफर करते हैं, इन ट्रेनों में महिलाओं के लिए अलग डिब्बे होते हैं, विकलांगों के लिए भी डिब्बे का एक हिस्सा आरक्षित होता है। लेकिन वरिष्ठ नागरिकों के लिए ऐसी कोई सहूलियत नहीं है।

स्वतंत्रता सेनानी और सीनियर सिटीजन एबी ठक्कर ने एक याचिका दायर कर कोर्ट से इस मामले में फैसले की गुहार लगाई थी। उनकी याचिका पर फैसला देते हुए जस्टिस अभय ओक और एके मेनन की खंडपीठ ने कहा सेकेंड क्लास के डिब्बे में बुजुर्गों के लिए कुछ सीटें रिजर्व होती हैं लेकिन ये देखा गया है कि वोउनका उपयोग नहीं कर पाते।

सीटों पर साफ-साफ लिखा होना चाहिए कि वे सीनियर सिटीजन के लिए हैं।

इससे पहले रेलवे ने कोर्ट के सामने दलील दी थी कि उनके लिए वरिष्ठ नागरिकों के लिए सीट रिजर्व करना, या डिब्बा आरक्षित करना व्यवाहरिक नहीं होगा, क्योंकि इससे आम मुसाफिरों के लिए जगह कम हो जाएगी जिससे दुर्घटना का ख़तरा बढ़ सकता है।
मुंबई की लोकल ट्रेनों में 1800 मुसाफिरों की ढोने की क्षमता है, जिसमें पीक ऑवर में कई बार 8000 से ज्यादा लोग सफर करते हैं।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
भिलाई की तरफ जा रही मालगाड़ी ट्रेन पर छत्तीसगढ़ में पथराव, लोको पायलट घायल
लोकल ट्रेनों में बुजुर्गों के लिए रिज़र्व करो सीट : बॉम्बे हाईकोर्ट
याचिका दाखिल किसने की? सुप्रीम कोर्ट ने पता लगाने के लिए सीबीआई को दिया जांच का आदेश
Next Article
याचिका दाखिल किसने की? सुप्रीम कोर्ट ने पता लगाने के लिए सीबीआई को दिया जांच का आदेश
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com