बाबासाहेब पुरंदरे को महाराष्ट्र भूषण सम्मान दिए जाने पर विरोध-प्रदर्शन हिंसक हो गया।
मुंबई:
बाबासाहेब पुरंदरे को महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार देने के खिलाफ दायर जनहित याचिका खारिज कर दी है और याचिकाकर्ता पर 10 हजार रुपया जुर्माना लगाया है। पुरंदरे को बुधवार शाम को ही "महाराष्ट्र भूषण " सम्मान दिया जाना है।
जज ने कहा, पुरस्कार मांगने पर नहीं, योग्यता देखकर दिया जाता है। उस योग्यता की व्याख्या बड़ी वृहद है, समाज सेवा, उल्लेखनीय योगदान, सेवा भाव, विशिष्ट काम इत्यादि। और यह मंत्री के कमरे में तय नहीं हुआ, समिति ने तय किया है। सभी सदस्यों के लिए एक नाम पर सहमत होना मुश्किल है। क्या आप कहना चाहते हैं कि उन्होंने कोई काम नहीं किया? क्या आप उनकी योग्यता को सिरे से ख़ारिज करते हैं?
एनसीपी, संभाजी ब्रिगेड और कुछ साहित्यकारों ने भी बाबासाहेब को यह पुरस्कार दिए जाने पर आपत्ति दर्ज कराई थी। राज्य में कुछ स्थानों पर विरोध-प्रदर्शन के दौरान हिंसा भी हुई।
याचिकाकर्ता के वकील शेखर जगताप के मुताबिक, बाबासाहेब पुरंदरे "महाराष्ट्र भूषण" सम्मान के लिए बने नियम और शर्तों पर खरे नहीं उतरते हैं, इसलिए उन्होंने अदालत से मांग की थी कि बुधवार शाम को होने वाला सम्मान समारोह स्थगित किया जाए।
जज ने कहा, पुरस्कार मांगने पर नहीं, योग्यता देखकर दिया जाता है। उस योग्यता की व्याख्या बड़ी वृहद है, समाज सेवा, उल्लेखनीय योगदान, सेवा भाव, विशिष्ट काम इत्यादि। और यह मंत्री के कमरे में तय नहीं हुआ, समिति ने तय किया है। सभी सदस्यों के लिए एक नाम पर सहमत होना मुश्किल है। क्या आप कहना चाहते हैं कि उन्होंने कोई काम नहीं किया? क्या आप उनकी योग्यता को सिरे से ख़ारिज करते हैं?
एनसीपी, संभाजी ब्रिगेड और कुछ साहित्यकारों ने भी बाबासाहेब को यह पुरस्कार दिए जाने पर आपत्ति दर्ज कराई थी। राज्य में कुछ स्थानों पर विरोध-प्रदर्शन के दौरान हिंसा भी हुई।
याचिकाकर्ता के वकील शेखर जगताप के मुताबिक, बाबासाहेब पुरंदरे "महाराष्ट्र भूषण" सम्मान के लिए बने नियम और शर्तों पर खरे नहीं उतरते हैं, इसलिए उन्होंने अदालत से मांग की थी कि बुधवार शाम को होने वाला सम्मान समारोह स्थगित किया जाए।
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