नई दिल्ली/जम्मू:
दिल्ली उच्च न्यायालय के बाहर हुए बम विस्फोट मामले में सुराग पाने के लिए हाथ-पांव मार रहीं सुरक्षा एजेंसियों के हाथ घटना के तीसरे दिन शुक्रवार को भी खाली रहे। इस बीच, दिल्ली पुलिस को विस्फोट की जिम्मेदारी लेने वाला तीसरा ई-मेल संदेश मास्को से भेजा गया है। संदेश में अगले हमले की धमकी दी गई है। एक चौथे ईमेल में अहमदाबाद में हमले करने की धमकी दी गई है। इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह देश में हाल के वर्षों में हुए आतंकवादी हमले का कोई स्पष्ट सुराग नहीं खोज पाई है। जबकि केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम ने कहा कि विस्फोट के लिए अभी सभी आतंकवादी संगठन शक के दायरे में हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जम्मू एवं कश्मीर के किश्तवाड़ से ई-मेल संदेश भेजने वाले संदिग्ध को गिरफ्तार किया है। दिल्ली पुलिस को तीसरा ई-मेल संदेश रूस की राजधानी मास्को से भेजा गया है। 'इंडियन मुजाहिदीन' के नाम से भेजे गए ई-मेल संदेश में अगले 'क्रूर हमले' की धमकी दी गई है। गुजरात के अहमदाबाद शहर को अगला निशाना बनाए जाने की आशंका है। केंद्रीय पी. चिदम्बरम ने कहा कि भेजे गए ई-मेल संदेश की भाषा 'बचकानी' है लेकिन सरकार ने इसे गम्भीरता से लिया है। उन्होंने पत्रकारों से कहा, "पहले ई-मेल संदेश के बाद, दूसरा और फिर तीसरा संदेश शुक्रवार को मिला। इन संदेशों को खारिज नहीं किया जा रहा है लेकिन तीसरे ई-मेल संदेश काफी बचकाना मालूम पड़ता है। संदेश में जिस कूट भाषा का इस्तेमाल हुआ है उसे देखने से अहमदाबाद का नाम आता है।" उन्होंने कहा, "ई-मेल संदेश भेजने वाले संकेत दे रहा है कि अगला हमला अहमदाबाद में होगा। ऐसा लगता है कि यह ई-मेल किसी गम्भीर व्यक्ति द्वारा नहीं भेजा गया है। इसके बावजूद जांचकर्ता इसे गम्भीरता से ले रहे हैं।" सूत्रों ने ई-मेल संदेश के जो अंश भेजे हैं। उसके अनुसार, "हम आपको सूचित करते हैं कि हम इंडियन मुजाहिदीन दिल्ली उच्च न्यायालय के बाहर हुए आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी लेते हैं।" संदेश में धमकी दी गई है कि अगला हमला 'अत्यंत क्रूर होगा जिसे आप लोग दशकों तक भूल नहीं पाएंगे।' संदेश के मुताबिक, "मैं भारत सरकार के पास यह संदेश भेजना चाहता हूं कि यदि आप अगले हमले के बारे में जानने के इच्छुक हैं तो यह हमला 1,8,5,23,4,1,2,1,4 है। इसका जो मतलब होता है अगला हमला वहीं होगा।" सूत्रों के मुताबिक ई-मेल संदेश भेजने वाले ने अपनी पहचान अली सईद अल-हूरी के नाम से दी है और यह संदेश 'किलइंडिया जीमेल डॉट कॉम' की आईडी से भेजा गया है। एक सूत्र ने बताया, "विस्फोट की जिम्मेदारी लेने वाले तीसरे ई-मेल संदेश जो दिल्ली पुलिस को प्राप्त हुआ है उसे मास्को से भेजे जाने का पता चला है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) निश्चित नहीं है कि इसे प्रॉक्सी सर्वर अथवा वास्तव में मास्को से भेजा गया है।" इसके पहले विस्फोट की जिम्मेदारी पाकिस्तान से आतंकवादी गतिविधियां चलाने वाले हरकत-उल-जेहादी इस्लामी (हूजी) और 'इंडियन ममुजाहिदीन' के भारतीय धड़े ने ई-मेल संदेश के जरिए ली। जांच एजेंसियों ने पाया कि हूजी के नाम से ई-मेल संदेश किश्तवाड़ जिले के एक इंटरनेट कैफे से भेजा गया। इस संदेश में 2001 के संसद पर हुए हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी की सजा समाप्त नहीं करने पर देश में और हमले करने की धमकी दी गई। चिदम्बरम ने बताया कि हूजी का ई-मेल संदेश भेजने वाले व्यक्ति को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। उन्होंने कहा, "हम उस रिपोर्ट के आने तक प्रतीक्षा करेंगे।" कश्मीर पुलिस ने उस संदिग्ध की पहचान मोहम्मद सईद के रूप में की है। सईद ने स्वीकार किया है कि उसने ग्लोबल इंटरनेट कैफे से ई-मेल संदेश भेजा। जबकि दूसरा ई-मेल संदेश भी 'इंडियन मुजाहिदीन' के नाम से भेजा गया। संदेश में कहा गया कि उसने विस्फोट की साजिश रची और धमकी दी कि वह अगले मंगलवार को एक शॉपिंग मॉल को निशाना बनाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम ने शुक्रवार को कहा, "जांच की प्रगति आशाजनक है, लेकिन मैं इसे निर्णायक नहीं कह सकता। विस्फोटकों की वास्तविक प्रकृति जानने के लिए सबूतों का मिलान किया जा रहा है।" उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक विशेषज्ञ अपनी खोज में मिले तथ्यों को पुख्ता कर रहे हैं और यह जानने का प्रयास कर रहे हैं कि किस तरह के विस्फोटकों का उपयोग किया गया था। प्रारम्भिक तौर पर मिले तथ्य के आधार पर बताया जा रहा है कि इसमें नाइट्रेट आधारित विस्फोटकों का उपयोग किया गया। देश के अनसुलझे बम विस्फोट मामलों पर भाजपा की आलोचना का जवाब देते हुए चिदम्बरम ने कहा कि बम विस्फोट के छह मामलों में से दो मामले राज्य सरकारें देख रही हैं। इनमें से एक भाजपा प्रशासित राज्य कर्नाटक है। भाजपा नेता अरुण जेटली की आलोचना का जवाब देते हुए चिदम्बरम ने कहा, "मेरे मित्र अरुण जेटली को यह याद दिलाने की जरूरत है कि इस देश में राज्य सरकारें भी हैं। मुझे लगता है कि वह यह भूल गए हैं कि देश में राज्य सरकारें हैं और कुछ राज्यों में उनकी पार्टी की सरकारें हैं।" उन्होंने कहा कि बम विस्फोट के दो मामलों में से एक बेंगलुरू और दूसरा वाराणसी से जुड़ा है जबकि चार बम विस्फोट दिल्ली में हुए। चिदम्बरम ने पत्रकारों से कहा, "कर्नाटक और वाराणसी में हुए बम विस्फोट अभी भी अनसुलझे हैं, इससे मैं निराश हूं।" बेंगलुरू में 17 अप्रैल 2010 को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) मैच से पहले चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर कम तीव्रता के दो बम विस्फोट हुए जिनमें 10 लोग घायल हुए थे। जबकि उत्तर प्रदेश में सात दिसम्बर 2010 को वाराणसी के दशाश्वमेघ घाट पर हुए कम तीव्रता के एक बम विस्फोट में एक दो साल की बच्ची मारी गई और 25 अन्य घायल हुए। चिदम्बरम ने कहा कि यह बताना अभी 'मुश्किल' है कि दिल्ली उच्च न्यायालय के बाहर हुए बम विस्फोट के लिए कौन सा आतंकवादी संगठन जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि 'हम इसके लिए सीमा-पार के आतंकवाद की तरफ केवल अंगुली नहीं उठा सकते।' चिदम्बरम ने पत्रकारों से कहा, "विस्फोट के लिए कौन जिम्मेदार है, यह कहना मुश्किल है। इस समय प्रत्येक आतंकवादी संगठन संदेह के घेरे में है। हमारे पास जबतक मजबूत साक्ष्य उपलब्ध नहीं हो जाते तबतक किसी संगठन पर अंगुली उठाना मुश्किल है।" पाकिस्तान से आतंकवादी गतिविधियां चलाने वाले हरकत-उल-जेहादी इस्लामी (हूजी) के ईमेल संदेश और विस्फोट के तार सीमा पार से जुड़े होने के सवाल पर उन्होंने कहा, "यह विस्फोट आतंकवादियों के भारतीय मॉड्यूल अथवा सीमा पार के आतंकवादियों द्वारा अंजाम दिया गया है, मैं इसके बारे में कुछ नहीं कह सकता।"
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