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This Article is From Nov 17, 2017

बोफोर्स घोटाला: याचिकाकर्ता ने कहा- मामले पर नहीं हो रही सुनवाई, सुप्रीम कोर्ट बोला- देखेंगे

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा ने अजय अग्रवाल की याचिका पर सुनवाई के लिए फिलहाल कोई तारीख तय नहीं की है लेकिन कोर्ट ने कहा है वो देखेंगे. साल 1986 में 1437 करोड़ रुपये के बोफोर्स तोप घोटाले में भारतीय अधिकारियों को 64 करोड़ रुपये घूस देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दी गयी है.

बोफोर्स घोटाला: याचिकाकर्ता ने कहा- मामले पर नहीं हो रही सुनवाई, सुप्रीम कोर्ट बोला- देखेंगे
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्‍ली: बोफोर्स तोप घोटाले मामले में बीजेपी नेता अजय अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की कि उनकी याचिका पर सुनवाई के लिए तारीख तय की जाए. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा के समक्ष अजय अग्रवाल ने कहा कि उनकी याचिका सुनवाई के लिए लग तो रही है लेकिन सुनवाई नही हो पा रही है ऐसे में एक तारीख तय कर उनकी याचिका पर सुनवाई की जाए.

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मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा ने अजय अग्रवाल की याचिका पर सुनवाई के लिए फिलहाल कोई तारीख तय नहीं की है लेकिन कोर्ट ने कहा है वो देखेंगे. साल 1986 में 1437 करोड़ रुपये के बोफोर्स तोप घोटाले में भारतीय अधिकारियों को 64 करोड़ रुपये घूस देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दी गयी है. याचिका में अग्रवाल ने कहा है कि सीबीआई ने इस मामले में 31 मई 2005 को दिल्ली हाईकोर्ट के दिए फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं दी. 2005 में दिल्ली हाईकोर्ट ने घोटाले में यूरोप में रहने वाले हिंदुजा भाइयों पर लगे सभी आरोपों को खारिज करने के लिए दी थी. 

दिल्ली हाईकोर्ट के दिए फैसले के 90 दिनों के भीतर सीबीआई ने इसको सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं दी और मामले को रफा-दफा किए जाने के कथित आरोप के बाद अग्रवाल ने याचिका दाखिल कर फैसले को चुनौती दी. याचिका को लेकर बीजेपी नेता और वकील अजय अग्रवाल ने कहा, 'उन्होंने ये याचिका देशहित को ध्यान में रखकर सुप्रीम कोर्ट में लगाई है क्योंकि सीबीआई ने बोफोर्स घोटाले के मामले को उस वक्त आगे नहीं बढ़ाया जबकि कोर्ट का फैसला अवैध था. इस कारण उस वक्त ये बताया गया था कि कानून मंत्रालय ने इसकी इजाजत सीबीआई को नहीं दी.

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अग्रवाल ने आरोप लगाया कि घोटाले को लेकर जो उस वक्त आरोपियों और सीबीआई के बीच सांठ-गांठ हुई थी उसी के तहत लंदन में इटली के बिजनेसमैन ओत्तावियो क्वात्रोच्चि के बैंक अकाउंट को डीफ्रीज ( फिर से चालू करना) कर दिया गया था जो इस डील में बिचैलिया था. इसी सिलसिले में उस वक्त एडिशनल सॉलिस्टर जनरल रहे जनरल बी दत्ता ने इंग्लैंड का दौरा भी किया था.

उन्होंने कहा, 'ऐसा कदम तब उठाया गया था जब तत्कालीन यूपीए सरकार और सीबीआई को पता था कि इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में भी उठाया गया है. अग्रवाल ने आरोप लगाया कि इस घोटाले में दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी, क्वात्रोच्चि, विन चड्ढा, हिंदुआ भाई और सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ शामिल होने के पक्के सबूत थे. इसलिए सीबीआई की मदद से कांग्रेस सरकार ने 1986 से 2014 तक इस मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की थी. अग्रवाल ने सीबीआई निदेशक इस मामले से जुड़े सारे दस्तावेज जांच एजेंसी को फिर उपलब्ध कराने का आग्रह किया है जो तीस हजारी कोर्ट से मिले हैं. उन्होंने कहा, 'इस मामले की जांच होनी बहुत जरूरी है ताकि फिर से कोई राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर ऐसी हरकत करने की कोशिश भी ना कर सकें.'

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अग्रवाल 2014 में रायबरेली से बीजेपी के टिकट पर सोनिया गांधी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सीबीआई ने बिचौलिए क्वात्रोच्चि के बैंक अकाउंट को फिर से चालू करवा दिया लेकिन मेट्रोपोलिटियन मजिस्ट्रेट तक को इसकी जानकारी देना जरूरी नहीं समझा.

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