
जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना के दो जवानों के साथ बर्बरता की घटना को लेकर भारत ने पाकिस्तान के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है.
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भारत ने बुधवार को पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब किया.
भारत ने इस घटना के सबूत पाकिस्तानी उच्चायुक्त से साझा किए.
हमारे पास इस बात के साक्ष्य हैं कि इसमें पाकिस्तानी सेना का हाथ- भारत
इस घटना से आक्रोशित भारत ने बुधवार को पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब किया और इस घटना के सबूत पाकिस्तानी उच्चायुक्त से साझा किए. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल वागले ने कहा कि पाकिस्तान उच्चायोग ने इस घटना में उनके मुल्क की संलिप्तता होने से इंकार किया और कहा कि वह उनके संदेश से इस्लामाबाद को अवगत कराएंगे."
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल वागले ने पत्रकारों से कहा, 'आज विदेश सचिव ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त को तलब कर स्पष्ट किया कि सैनिकों के शवों को क्षत-विक्षत करने को भारत भड़काने की पुरजोर कार्रवाई मानता है और हमारे पास इस बात के साक्ष्य हैं कि इसमें पाकिस्तानी सेना का हाथ है'. उन्होंने कहा कि एक मई को नियंत्रण रेखा पार करके पाकिस्तानी सैनिकों ने इस नृशंस, बर्बरतापूर्ण और अमानवीय घटना को अंजाम दिया जो सभ्यता के सभी मापदंडों से परे है. इस घटना से पूरा देश आक्रोशित है'.
उल्लेखनीय है कि एक मई को पाकिस्तान की 'बार्डर एक्शन टीम' (बीएटी) ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ क्षेत्र में 250 मीटर भीतर घुसकर नायाब सूबेदार परमजीत सिंह और बीएसएफ के हेड कांस्टेबल प्रेम सागर की हत्या कर दी थी.
प्रवक्ता ने बताया कि इस नृशंस हत्या से पहले पाकिस्तानी चौकियों से गोलीबारी की आड़ में पाकिस्तानी सैनिक कृष्णा घाटी में नियंत्रण रेखा पार करके इस ओर आए. भारतीय सैनिकों के खून के नमूनों और उनकी निशानदेही से स्पष्ट है कि वे आए और फिर इस नृशंस घटना को अंजाम देने के बाद वापस लौटे.
सूत्रों ने पुष्टि करते हुए कहा कि "हमारे सैनिकों के शरीर के अंगों को दूसरी तरफ ले जाया गया" और खून के धब्बे वहां पर उन्हीं के थे.
(इनपुट एजेंसी से भी)
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