शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती की फाइल फोटो
मथुरा:
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साधते हुए शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने गुरुवार को दलितों के प्रति भाजपा के प्रेम को झूठा करार दिया। उन्होंने कहा कि दलित परिवारों के साथ नेताओं का भोजन करना विशुद्ध रूप से राजनैतिक कृत्य है।
द्वारकापीठ और शारदापीठ के शंकराचार्य ने कहा, ' बिना पूर्व सूचना के वो क्यों नहीं उनके साथ भोजन करते हैं।' उन्होंने कहा, ' राजनैतिक फायदे के लिए दलितों के साथ उज्जैन में क्षिप्रा नदी में स्नान करने की एक नई परंपरा स्थापित की गई। नदियों, मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर जाति, धर्म या वर्ण के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है।' दलितों के प्रति भाजपा के प्रेम को झूठा करार देते हुए उन्होंने कहा कि दलित परिवारों के साथ भोजन करना विशुद्ध रूप से राजनैतिक कृत्य है।
वहीं बिसहड़ा मामले में रिपोर्ट सामने आने के बाद की स्थिति पर स्वरूपानंद ने कहा कि बेशक जिन लोगों ने कानून हाथ में लिया, उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
द्वारकापीठ और शारदापीठ के शंकराचार्य ने कहा, ' बिना पूर्व सूचना के वो क्यों नहीं उनके साथ भोजन करते हैं।' उन्होंने कहा, ' राजनैतिक फायदे के लिए दलितों के साथ उज्जैन में क्षिप्रा नदी में स्नान करने की एक नई परंपरा स्थापित की गई। नदियों, मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर जाति, धर्म या वर्ण के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है।' दलितों के प्रति भाजपा के प्रेम को झूठा करार देते हुए उन्होंने कहा कि दलित परिवारों के साथ भोजन करना विशुद्ध रूप से राजनैतिक कृत्य है।
वहीं बिसहड़ा मामले में रिपोर्ट सामने आने के बाद की स्थिति पर स्वरूपानंद ने कहा कि बेशक जिन लोगों ने कानून हाथ में लिया, उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था।
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