प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
वाराणसी:
यूपी के पंचायत चुनावों में बीजेपी का सफाया हो गया है। पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बीजेपी 48 में से 40 सीटें हार गई। पीएम मोदी के गोद लिए गांव जयापुर में भी बीजेपी का जिला पंचायत सदस्य चुनाव हार गया। समाजवादी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और बसपा मजबूती से दूसरे नंबर पर है। मुलायम के परिवार के सभी 6 लोग जीत गए हैं, लेकिन अखिलेश यादव के मंत्रियों के ज्यादातर रिश्तेदार चुनाव हार गए।
वाराणसी देश का सबसे अहम संसदीय क्षेत्र है। प्रधानमंत्री मोदी यहीं से चुनकर संसद पहुंचे हैं। लेकिन पंचायत चुनाव में बीजेपी यहां 48 में से 40 सीटें हार गई। मोदी के गोद लिए जयापुर में भी पार्टी जिला पंचायत सदस्य का चुनाव हार गई। बीजेपी के तमाम दिग्गजों के इलाकों में यही हालत है।
कलराज मिश्र के देवरिया में बीजेपी 56 में से 50 सीट हार गई। कल्याण सिंह के अलीगढ़ में 52 में से 44 सीटें हार गई। कभी कल्याण सिंह का ही संसदीय क्षेत्र रहे अतरौली में सभी 8 सीटें हार गई। रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा के गाजीपुर में 67 में से 57 सीटें हार गई। उमा भारती के झांसी में 24 में से 20 सीटें हार गई। राजनाथ सिंह के लखनऊ में 26 में से 20 सीटें हार गई। राजनाथ सिंह के गोद लिए गांव में जिला पंचायत सदस्य का चुनाव भी हार गई।
फिर भी बीजेपी कहती है कि इस बार उसका प्रदर्शन बहुत अच्छा है। यूपी बीजेपी अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी कहते हैं, 'भारतीय जनता पार्टी पहली बार चुनाव लड़ी है। 25 से 30 फीसदी सीटों को जीतने की संभावना को लेकर हम काम कर रहे थे और जो जीता हुआ प्रतिशत आ रहा है, 25 से कम नहीं होगा।
समाजवादी सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री तोताराम मैनपुरी में बूथ कैप्चरिंग करते समय कैमरे में कैद हो गए, एफआईआर हुई, दोबारा चुनाव हुए तब भी केवल 28 वोट पाकर 18वें नंबर पर रहे। तमाम मंत्रियों के रिश्तेदार भी चुनाव में ढेर हो गए। इन हारने वालों में समाज कल्याण मंत्री अवधेश प्रसाद की पत्नी और बेटा, विज्ञान एवं तकनीक मंत्री मनोज पांडे का बेटा, जेल मंत्री रामपाल राजवंशी की दो बेटियां, मंत्री डॉ. एसपी यादव की बीवी, बेटा और बहू, पीडब्ल्यूडी राज्यमंत्री सुरेंद्र पटेल के भाई, स्वास्थ्य राज्य मंत्री शंखलाल मांझी की पत्नी, मंत्री बंशीधर बौध की बहू, खादी राज्य मंत्री हाजी रियाज अहमद के दो भाई और दामाद शामिल हैं। लेकिन मुलायम सिंह के परिवार के सभी 6 लोग चुनाव जीत गए, 5 निर्विरोध और 1 चुनाव लड़कर।
बीएसपी, सपा की हार में अपनी जीत देख रही है। बसपा विधायक दल के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, अब बहुजन समाज पार्टी की सरकार बनने से कोई भी ताकत रोक नहीं सकती। न समाजवादी पार्टी, न बीजेपी और न ही कांग्रेस।
एबीवीपी जब दिल्ली छात्र संघ का चुनाव जीती तो बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने ट्वीट कर उन्हें मुबारकबाद दी, इसलिए ये नहीं कह सकते कि कोई चुनाव अहम नहीं है। बिहार विधानसभा चुनाव बीजेपी इतनी मजबूती से लड़ रही है कि लगता है कि पीएम मोदी खुद चुनाव लड़ रहे हों। यूपी के देहाती इलाकों में हुए इन चुनावों के नतीजे बीजेपी के लिए अच्छा संकेत नहीं हैं।
वाराणसी देश का सबसे अहम संसदीय क्षेत्र है। प्रधानमंत्री मोदी यहीं से चुनकर संसद पहुंचे हैं। लेकिन पंचायत चुनाव में बीजेपी यहां 48 में से 40 सीटें हार गई। मोदी के गोद लिए जयापुर में भी पार्टी जिला पंचायत सदस्य का चुनाव हार गई। बीजेपी के तमाम दिग्गजों के इलाकों में यही हालत है।
कलराज मिश्र के देवरिया में बीजेपी 56 में से 50 सीट हार गई। कल्याण सिंह के अलीगढ़ में 52 में से 44 सीटें हार गई। कभी कल्याण सिंह का ही संसदीय क्षेत्र रहे अतरौली में सभी 8 सीटें हार गई। रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा के गाजीपुर में 67 में से 57 सीटें हार गई। उमा भारती के झांसी में 24 में से 20 सीटें हार गई। राजनाथ सिंह के लखनऊ में 26 में से 20 सीटें हार गई। राजनाथ सिंह के गोद लिए गांव में जिला पंचायत सदस्य का चुनाव भी हार गई।
फिर भी बीजेपी कहती है कि इस बार उसका प्रदर्शन बहुत अच्छा है। यूपी बीजेपी अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी कहते हैं, 'भारतीय जनता पार्टी पहली बार चुनाव लड़ी है। 25 से 30 फीसदी सीटों को जीतने की संभावना को लेकर हम काम कर रहे थे और जो जीता हुआ प्रतिशत आ रहा है, 25 से कम नहीं होगा।
समाजवादी सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री तोताराम मैनपुरी में बूथ कैप्चरिंग करते समय कैमरे में कैद हो गए, एफआईआर हुई, दोबारा चुनाव हुए तब भी केवल 28 वोट पाकर 18वें नंबर पर रहे। तमाम मंत्रियों के रिश्तेदार भी चुनाव में ढेर हो गए। इन हारने वालों में समाज कल्याण मंत्री अवधेश प्रसाद की पत्नी और बेटा, विज्ञान एवं तकनीक मंत्री मनोज पांडे का बेटा, जेल मंत्री रामपाल राजवंशी की दो बेटियां, मंत्री डॉ. एसपी यादव की बीवी, बेटा और बहू, पीडब्ल्यूडी राज्यमंत्री सुरेंद्र पटेल के भाई, स्वास्थ्य राज्य मंत्री शंखलाल मांझी की पत्नी, मंत्री बंशीधर बौध की बहू, खादी राज्य मंत्री हाजी रियाज अहमद के दो भाई और दामाद शामिल हैं। लेकिन मुलायम सिंह के परिवार के सभी 6 लोग चुनाव जीत गए, 5 निर्विरोध और 1 चुनाव लड़कर।
बीएसपी, सपा की हार में अपनी जीत देख रही है। बसपा विधायक दल के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, अब बहुजन समाज पार्टी की सरकार बनने से कोई भी ताकत रोक नहीं सकती। न समाजवादी पार्टी, न बीजेपी और न ही कांग्रेस।
एबीवीपी जब दिल्ली छात्र संघ का चुनाव जीती तो बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने ट्वीट कर उन्हें मुबारकबाद दी, इसलिए ये नहीं कह सकते कि कोई चुनाव अहम नहीं है। बिहार विधानसभा चुनाव बीजेपी इतनी मजबूती से लड़ रही है कि लगता है कि पीएम मोदी खुद चुनाव लड़ रहे हों। यूपी के देहाती इलाकों में हुए इन चुनावों के नतीजे बीजेपी के लिए अच्छा संकेत नहीं हैं।
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