लखनऊ प्रशासन की तरफ से रोक लगाए जाने के बावजूद गोरखपुर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद योगी आदित्यनाथ बुधवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार पर जमकर बरसे। योगी ने कहा कि सूबे में लोकतंत्र खतरे में है और उसे बचाने के लिए आगे आना होगा।
योगी ने कहा, "उप्र में लोकतंत्र खतरे में है। प्रशासन ने सुबह से ही परेशान करके रखा हुआ है। सरकार हमारे पीछे पड़ी हुई है। पहले ठाकुरद्वारा में कार्यक्रम करने से रोका गया फिर मैनपुरी में। लखीमपुर खीरी में भी हमें सभा करने से रोका गया। लखनऊ में भी हमारी रैली पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।"
उन्होंने कहा कि उप्र में लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास लगातार किया जा रहा है। उप्र में लोकतंत्र लगाने के लिए सूबे के एक परिवार की सरकार को उखाड़ फेंकना होगा। उपचुनाव का मतदान ही इस सरकार का भविष्य तय करेगा।
योगी ने कहा, "यूं तो उपचुनाव का खास प्रभाव केंद्र के साथ ही राज्य सरकार पर नहीं पड़ेगा, लेकिन यदि भाजपा विजयी हुई तो उप्र में परिवारवाद की उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी।"
उल्लेखनीय है कि लखनऊ में मंशीपुलिया के पास योगी की सभा हुई, लेकिन प्रशासन ने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए रैली को मंजूरी देने से मना कर दिया था।
इस बीच प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि प्रशासन ने जिस तरीके से योगी की रैलियों को रोकने का प्रयास किया, उसकी शिकायत चुनाव आयोग से जरूर की जाएगी।
बताया जा रहा है कि प्रशासन ने योगी आदित्यनाथ की रैली को इजाजत नहीं दी गई थी। सरकारी सूत्रों को कहना है कि रैली के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं में भिड़ंत की संभावना थी। कहा जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ की रैली स्थल के करीब ही प्रशासन ने समाजवादी पार्टी के नेताओं को भी लगभग उसी समय रैली करने की इजाजत दी थी।
सूत्रों का कहना है कि प्रशासन ने दोनों ही दलों को दी गई इजाजत को वापस ले लिया। और इस घटना के बाद प्रशासन ने पुलिस से इस संबंध में रिपोर्ट तलब की। इस रिपोर्ट में पुलिस ने दोनों दलों के कार्यकर्ताओं में संघर्ष की चेतावनी दी थी।
उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग ने नोएडा में विधानसभा उपचुनाव में प्रचार के दौरान कथित भड़काऊ टिप्पणियां करने के लिए भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने पर मंगलवार को कारण बताओ नोटिस जारी किया।
वहीं, लखनऊ पुलिस ने कहा कि सांसद योगी आदित्यनाथ ने बिना अनुमति के रैली में हिस्सा लिया। इस मामले की जांच कराकर समुचित कार्रवाई की जाएगी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रवीण कुमार ने बताया कि पहले जिला प्रशासन ने आयोजकों की अर्जी पर आदित्यनाथ की रैली को अनुमति दे दी थी। लेकिन बाद में आयोजकों ने ही कार्यक्रम रद्द होने की सूचना दी थी। ऐसे में प्रशासन की अनुमति स्वत: निरस्त हो गई।
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