महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह (Param Bir Singh) द्वारा गृह मंत्री अनिल देशमुख ( Anil Deshmukh) पर लगाए गए आरोपों की जांच की कमान एक पूर्व जज को सौंपी गई है. सेवानिवृत्ति न्यायाधीश कैलाश उत्तमचंद चांदीवाल इस मामले की जांच करेंगे. उन्हें 6 महीने में जांच रिपोर्ट सौंपनी होगी. वहीं, इस मामले में भाजपा प्रवक्ता राम कदम (Ram Kadam) ने सवाल उठाते हुए गृह मंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग की है. उन्होंने कहा, "गृहमंत्री के पद पर रहते हुए, गृहमंत्री के खिलाफ जांच कराया जा रहा क्या यह जांच निष्पक्ष होगा? इसलिए गृहमंत्री इस्तीफा दें." भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि 6 महीने में रिपोर्ट सौपने को कहा है, क्या 6 महीने में यह ठंडे बक्से में डालने की कोशिश है?
100 करोड़ रुपये वसूली के आरोपों पर अनिल देशमुख के खिलाफ न्यायिक जांच की कमान इस पूर्व जज को मिली
बता दें कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा गठित एक सदस्यीय न्यायिक समिति (Judicial Inquiry) की जिम्मेदारी ये देखना है कि क्या परमबीर सिंह (Parambir Singh) ने 20 मार्च को लिखे अपने पत्र में आरोपों की पुष्टि के लिए कोई सबूत दिया है या नहीं? एसीपी संजय पाटिल और एपीआई सचिन वाजे (Sachin Vaze) से मिली जानकारी के आधार पर अगर मंत्री या उनके अन्य कर्मचारियों के खिलाफ जांच की कोई जरूरत हो तो सिफारिश करना.
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मालूम हो कि मुंबई के पुलिस आयुक्त पद से हटाए जाने के बाद आईपीएस परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर बेहद गंभीर आरोप लगाए थे. परमबीर सिंह ने कहा था कि देशमुख ने कई पुलिस अधिकारियों को हर माह 100 करोड़ रुपये की वसूली का निर्देश दे रखा था. उनके इस आरोपों के बाद महाराष्ट्र की सियासत में भूचाल आ गया था. देशमुख पर पद से इस्तीफा देने का दबाव भी थी.
महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (Maharashtra Vikas Aghadi) की सरकार के सहयोगी दलों शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के नेताओं के बीच कई दौर की मंत्रणा भी हुई. ये फैसला हुआ कि एनसीपी नेता देशमुख त्यागपत्र नहीं देंगे और उन पर लगे आरोपों की न्यायिक जांच कराई जाएगी. हालांकि महाराष्ट्र में संकट फिलहाल थमता नहीं दिख रहा है. देशमुख पर शिवसेना के मुखपत्र सामना में निशाना साधा गया तो उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने तीखी प्रतिक्रिया दी.
उधर, एनआईए (NIA) मुकेश अंबानी और मनसुख हिरेन की हत्या के मामलों की जांच कर रही है. एनआईए ने रविवार को एपीआई सचिन वाजे ( Sachin Vaze Case) को बांद्रा की मीठी नदी ले जाकर गोताखोरों की मदद से डीवीआर, लैपटॉप समेत कई महत्वपूर्ण साक्ष्य इकट्ठा किए थे. मुंबई में मीठी नदी से मिली नम्बर प्लेट (MH20FP1539) औरंगाबाद की एको कार की है.औरंगाबाद में रहने वाले विजय मधुकर नाडे ने बताया कि उनकी मारुति 16 नवंबर 2020 को चोरी हो गई थी. इसकी उन्होंने लिखित शिकायत भी की थी लेकिन अब तक उनकी कार का कुछ पता नही चला है. औरंगाबाद छत्रपति नगर के विजय नाडे जालना में समाज कल्याण विभाग में क्लर्क के रूप में कार्यरत हैं.
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