बीजेपी का आरोप-यूपीए ने अंधाधुंध बांटे कर्ज, बैंकों का घाटा 18 हजार से बढ़कर हुआ 53 हजार करोड़

भाजपा ने बैंकों के भारी घाटे में डूबने का ठीकरा पूर्व की यूपीए सरकार पर फोड़ा है. कहा है अंधाधुंध कर्ज बांटने से बिगड़े हालात.

बीजेपी का आरोप-यूपीए ने अंधाधुंध बांटे कर्ज, बैंकों का घाटा 18 हजार से बढ़कर हुआ 53 हजार करोड़

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की फाइल फोटो.

खास बातें

  • बैंकों के घाटे का ठीकरा बीजेपी ने फोड़ा यूपीए के सिर
  • कहा-यूपीए सरकार में अंधाधुंध बांटे गए कर्ज
  • 18 हजार करोड़ से घाटा बढ़कर हुआ 53 हजार करोड़
नई दिल्ली:

भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) ने बैंकों के भारी घाटे में डूबने पर बयान जारी किया है. पार्टी ने  पिछली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन(यूपीए) सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि उसने अंधाधुध कर्ज बाटें, जिसके कारण बैंक कमजोर हुए हैं और उनका नुकसान 18,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 53,000 करोड़ रुपये हो गया है.भाजपा ने यह भी कहा कि मोदी सरकार द्वारा की गई कड़ाई के कारण देश में पहली बार भगोड़े अपराधियों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. 

बैंकों का एनपीए बढ़ने के लिए कौन है ज़िम्मेदार?

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने यहां एक प्रेस वार्ता में कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वच्छ भारत मिशन ना सिर्फ देश की सफाई को लेकर है, बल्कि यह हमारी आर्थिक प्रणाली की सफाई के लिए भी है."भाजपा नेता ने कहा कि 2014 में पद संभालने के बाद मोदी सरकार को कमजोर बैकिंग क्षेत्र विरासत में मिला.

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गोयल ने कहा, "लेकिन प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री ने श्वेत पत्र जारी नहीं करने का बुद्धिमानी भरा फैसला लिया और उन्होंने जिम्मेदारी से सरकार चलाई और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का काम किया."पिछली कांग्रेस की अगुवाई वाली संप्रग सरकार की आलोचना करते हुए गोयल ने कहा कि बिना परियोजनाओं की वास्तविकता पता किए जमकर कर्ज बांटे गए.गोयल ने कहा, "संप्रग सरकार ने 2006 से 2014 तक कर्ज बांटे। इस दौरान बैंकों का घाटा 18,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 53,000 करोड़ रुपये हो गया."

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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