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This Article is From Jun 21, 2021

बंगाल हिंसा : कलकत्‍ता HC के फैसले के बाद BJP सांसद लॉकेट चटर्जी बोलीं , 'निष्‍पक्ष जांच से डरती हैं ममता क्‍योंकि..'

HC ने बंगाल सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने NHRC को समिति गठित कर राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा की जांच करने के आदेश को वापस लेने का अनुरोध किया था.'

बंगाल हिंसा : कलकत्‍ता HC के फैसले के बाद BJP सांसद लॉकेट चटर्जी बोलीं , 'निष्‍पक्ष जांच से डरती हैं ममता क्‍योंकि..'
कलकत्‍ता हाईकोर्ट के फैसले को ममता बनर्जी की सरकार के लिए झटका माना जा रहा

पश्चिम बंगाल की प्रमुख बीजेपी नेता और सांसद लॉकेट चटर्जी (Locket Chatterjee) ने राज्‍य में चुनाव बाद हुई हिंसा के मामले में ममता बनर्जी के नेतृत्‍व वाली तृणमूल कांग्रेस (TMC) सरकार पर निशाना साधा है. उन्‍होंने इस मसले पर सिलसिलेवार ट्वीट किए हैं. लॉकेट ने ट्वीट में लिखा, 'पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा की निष्‍पक्ष जांच रोकने की सीएम ममता बनर्जी की कोशिशों पर कलकत्‍ता हाईकोर्ट ने पानी फेर दिया. HC ने बंगाल सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को समिति गठित कर राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा की जांच करने के आदेश को वापस लेने का अनुरोध किया था.'

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एक अन्‍य ट्वीट में लॉकेट ने लिखा, '18 जून को कोर्ट ने कहा कि राज्‍य सरकार ने पोस्‍ट पोल वॉयलेंस (चुनाव के बाद की हिंसा) को रोकने के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया. कोर्ट ने यह भी कहा कि जान-माल की नुकसान वाली गंभीर शिकायतों के मामले में राज्‍य को इस तरह के व्‍यवहार की इजाजत नहीं दी जा सकती और तत्‍काल कार्रवाई की जरूरत थी.' गौरतलब है कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हिंसा की घटनाओं में मानव अधिकारों के उल्लंघन की जांच राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग को सौंपने संबंधी आदेश सोमवार को वापस लेने से इंकार करते हुये इस बारे में राज्य सरकार का आवेदन खारिज कर दिया. अदालत ने मानव अधिकार आयोग को एक समिति गठित कर राज्य में चुनाव बाद हिंसा के दौरान कथित मानवाधिकार उल्लंघन की घटनाओं की जांच करने का आदेश दिया था.

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कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की बेंच ने जनहित याचिकाओं के एक समूह पर पारित आदेश को वापस लेने का पश्चिम बंगाल सरकार का आवेदन खारिज कर दिया. इन जनहित याचिकाओं में आरोप लगाया गया था कि राजनीतिक हमलों की वजह से लोगों को अपने घरों से विस्थापित होना पड़ा, उनके साथ मारपीट की गई, संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया और कार्यालयों में लूटपाट की गई. बेंच ने 18 जून को पश्चिम बंगाल राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव (डब्ल्यूएमएलएसए) की ओर से दाखिल की गई रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए यह आदेश सुनाया था। रिपोर्ट में कहा गया था कि इन घटनाओं से 10 जून दोपहर 12 बजे तक 3243 लोग प्रभावित हुए हैं. (भाषा से भी इनपुट)

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