बेंगलुरू:
कर्नाटक के मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर शुक्रवार को राज्यपाल हंसराज भारद्वाज से मिले। उन्होंने कहा कि 13 विधायकों के विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के फैसले के बावजूद राज्यपाल ने उन्हें सदन में बहुमत साबित करने के लिए नहीं कहा है।
शेट्टर ने संवाददाताओं से कहा, "राज्यपाल ने मुझे 13 विधायकों के इस्तीफे के फैसले से अवगत कराया। मैंने उन्हें आश्वस्त किया कि मेरे पास बहुमत है और सरकार के लिए कोई संकट नहीं है।"
शेट्टर के साथ बैठक से पहले भारद्वाज ने कहा था कि यदि जरूरी हुई तो वह मुख्यमंत्री को बहुमत साबित करने का निर्देश देंगे।
शेट्टर ने कहा कि भारद्वाज ने चार फरवरी को विधानसभा के संयुक्त सत्र को सम्बोधित करने का सरकार का आमंत्रण स्वीकार कर लिया है।
फरवरी में 10 दिनों तक चलने वाला विधानसभा का सत्र इस वर्ष का पहला सत्र होगा। परंपरा के अनुसार राज्यपाल अपने सम्बोधन में सरकार के वर्षभर के कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत करेंगे।
शेट्टर वर्ष 2013-14 का बजट आठ फरवरी को पेश करने वाले हैं।
भारद्वाज ने पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के विश्वासपात्र माने जाने वाले 13 भाजपा विधायकों के विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के फैसले के बाद शेट्टर को बुलाया।
बागी विधायकों का इस्तीफा शेट्टर को बजट पेश करने से रोकने की योजना का हिस्सा बताया जा रहा है।
30 नवंबर को भाजपा और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर अपनी पार्टी कर्नाटक जनता पार्टी (केजेपी) का गठन करने वाले येदियुरप्पा चाहते हैं कि शेट्टर सरकार इस्तीफा दे और बजट सत्र का आयोजन नहीं हो, क्योंकि मई में विधानसभा चुनाव होना है।
13 बागी विधायकों में बुधवार को शेट्टर मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले दो मंत्री सीएम उदासी और शोभा करंदलाजे भी शामिल हैं।
भारद्वाज ने कहा कि उन्होंने सरकार से विधानसभा अध्यक्ष केजी बोपैया की शीघ्र वापसी सुनिश्चित कराने के लिए कहा है। बुधवार से ही वे कहां हैं, यह एक रहस्य बना हुआ है।
भारद्वाज ने यह कदम भाजपा के 13 बागी विधायकों के अनुरोध पर उठाया है। बुधवार को विधायकों ने उनसे हस्तक्षेप कर यह सुनिश्चित करने की मांग की थी कि विधानसभा अध्यक्ष उनका इस्तीफा शीघ्र स्वीकार करें।
इस्तीफा देने गए विधायकों को जब विधानसभा अध्यक्ष अपने कार्यालय में नहीं मिले तब उन्होंने राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग की थी।
विधायकों ने दावा किया कि उन्होंने मंगलवार को ही विधानसभा अध्यक्ष को सूचित कर दिया था कि वे लोग बुधवार को उनसे मुलाकात करेंगे और उन्होंने कहा था कि वे अपने कार्यालय में रहेंगे।
विधानसभा अध्यक्ष कहां हैं, इस सवाल पर उनका कार्यालय मौन धारण किए हुए है। खेल एवं युवा मामलों के मंत्री अप्पचू रंजन ने कहा कि वे (विधानसभा अध्यक्ष) विदेश गए हैं और 28 जनवरी को लौटेंगे।
13 विधायकों के इस्तीफे के बाद 225 सदस्यों वाली विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष समेत भाजपा की ताकत घटकर 105 रह जाएगी। 225 सदस्यों में से 224 विधायक निर्वाचित और एक नामित सदस्य हैं।
वर्तमान में विधानसभा की प्रभावी ताकत 223 है, क्योंकि येदियुरप्पा और एक अन्य भाजपा विधायक हलाडि श्रीनिवास शेट्टी इस्तीफा दे चुके हैं।
भाजपा को सात निर्दलीय में से एक का समर्थन हासिल है और वह इस समय सरकार में कबीना स्तर के मंत्री हैं। पार्टी अन्य छह को भी अपने पाले में करने में जुटी हुई है।
कांग्रेस के 71 विधायक हैं और जनता दल-सेक्युलर के 26 हैं। ये दोनों पार्टियां भी शेट्टर के बजट पेश करने के कदम का विरोध कर रही हैं।
शेट्टर ने संवाददाताओं से कहा, "राज्यपाल ने मुझे 13 विधायकों के इस्तीफे के फैसले से अवगत कराया। मैंने उन्हें आश्वस्त किया कि मेरे पास बहुमत है और सरकार के लिए कोई संकट नहीं है।"
शेट्टर के साथ बैठक से पहले भारद्वाज ने कहा था कि यदि जरूरी हुई तो वह मुख्यमंत्री को बहुमत साबित करने का निर्देश देंगे।
शेट्टर ने कहा कि भारद्वाज ने चार फरवरी को विधानसभा के संयुक्त सत्र को सम्बोधित करने का सरकार का आमंत्रण स्वीकार कर लिया है।
फरवरी में 10 दिनों तक चलने वाला विधानसभा का सत्र इस वर्ष का पहला सत्र होगा। परंपरा के अनुसार राज्यपाल अपने सम्बोधन में सरकार के वर्षभर के कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत करेंगे।
शेट्टर वर्ष 2013-14 का बजट आठ फरवरी को पेश करने वाले हैं।
भारद्वाज ने पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के विश्वासपात्र माने जाने वाले 13 भाजपा विधायकों के विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के फैसले के बाद शेट्टर को बुलाया।
बागी विधायकों का इस्तीफा शेट्टर को बजट पेश करने से रोकने की योजना का हिस्सा बताया जा रहा है।
30 नवंबर को भाजपा और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर अपनी पार्टी कर्नाटक जनता पार्टी (केजेपी) का गठन करने वाले येदियुरप्पा चाहते हैं कि शेट्टर सरकार इस्तीफा दे और बजट सत्र का आयोजन नहीं हो, क्योंकि मई में विधानसभा चुनाव होना है।
13 बागी विधायकों में बुधवार को शेट्टर मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले दो मंत्री सीएम उदासी और शोभा करंदलाजे भी शामिल हैं।
भारद्वाज ने कहा कि उन्होंने सरकार से विधानसभा अध्यक्ष केजी बोपैया की शीघ्र वापसी सुनिश्चित कराने के लिए कहा है। बुधवार से ही वे कहां हैं, यह एक रहस्य बना हुआ है।
भारद्वाज ने यह कदम भाजपा के 13 बागी विधायकों के अनुरोध पर उठाया है। बुधवार को विधायकों ने उनसे हस्तक्षेप कर यह सुनिश्चित करने की मांग की थी कि विधानसभा अध्यक्ष उनका इस्तीफा शीघ्र स्वीकार करें।
इस्तीफा देने गए विधायकों को जब विधानसभा अध्यक्ष अपने कार्यालय में नहीं मिले तब उन्होंने राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग की थी।
विधायकों ने दावा किया कि उन्होंने मंगलवार को ही विधानसभा अध्यक्ष को सूचित कर दिया था कि वे लोग बुधवार को उनसे मुलाकात करेंगे और उन्होंने कहा था कि वे अपने कार्यालय में रहेंगे।
विधानसभा अध्यक्ष कहां हैं, इस सवाल पर उनका कार्यालय मौन धारण किए हुए है। खेल एवं युवा मामलों के मंत्री अप्पचू रंजन ने कहा कि वे (विधानसभा अध्यक्ष) विदेश गए हैं और 28 जनवरी को लौटेंगे।
13 विधायकों के इस्तीफे के बाद 225 सदस्यों वाली विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष समेत भाजपा की ताकत घटकर 105 रह जाएगी। 225 सदस्यों में से 224 विधायक निर्वाचित और एक नामित सदस्य हैं।
वर्तमान में विधानसभा की प्रभावी ताकत 223 है, क्योंकि येदियुरप्पा और एक अन्य भाजपा विधायक हलाडि श्रीनिवास शेट्टी इस्तीफा दे चुके हैं।
भाजपा को सात निर्दलीय में से एक का समर्थन हासिल है और वह इस समय सरकार में कबीना स्तर के मंत्री हैं। पार्टी अन्य छह को भी अपने पाले में करने में जुटी हुई है।
कांग्रेस के 71 विधायक हैं और जनता दल-सेक्युलर के 26 हैं। ये दोनों पार्टियां भी शेट्टर के बजट पेश करने के कदम का विरोध कर रही हैं।
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