बेंगलुरु:
पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के समर्थक दो मंत्रियों के त्यागपत्र देने तथा उनके समेत 13 विधायकों के विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के निर्णय के बाद कर्नाटक की बीजेपी सरकार गहरे संकट में फंसती दिख रही है।
लोक निर्माण मंत्री सीएम उदासी और ऊर्जा मंत्री शोभा करंदलाजे ने मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार को अपना इस्तीफा सौंप दिया। उसके कुछ ही घंटे बाद ये दोनों 11 अन्य विधायकों के साथ अपना इस्तीफा सौंपने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय गए। जब ये सभी विधायक इस्तीफा देने गए, तब न तो विधानसभा अध्यक्ष केजी बोपैया और न ही विधानसभा सचिव ओमप्रकाश मौजूद थे।
विधायकों ने करीब एक घंटे तक इंतजार किया, उसके बाद नाराज येदियुरप्पा वहां पहुंचे और उन्होंने कहा कि शेट्टार सरकार अल्पमत में आ गई है। बोपैया शहर से बाहर हैं। उत्तेजित विधायकों ने कहा कि विधानसभा सचिवालय का कोई भी अधिकारी या तो उनके त्यागपत्र स्वीकार करें या वे लिखकर दें कि वे त्यागपत्र स्वीकार करने के लिए अधिकृत नहीं हैं।
विधानसभा के संयुक्त सचिव जयतीर्थ गलाली ने विधायकों से कहा, बतौर संयुक्त सचिव मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकता। जब विधानसभा अध्यक्ष हों, कृपया, तब आइए और अपने त्यागपत्र दीजिए। हाल ही में कर्नाटक जनता पार्टी (केजेपी) बनाने वाले येदियुरप्पा ने कहा, शेट्टार सरकार अल्पमत में आ गई है। उन्हें सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। उन्हें अपनी यात्रा रोककर शहर में लौट आना चाहिए और इस्तीफा दे देना चाहिए।
येदियुरप्पा ने बोपैया को भी निशाना बनाया है और कहा कि उन्हें विधायकों के इस्तीफे के बारे में इतल्ला कर दिया गया था और वह यात्रा पर चले गए। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, यह निर्लज्ज सरकार है। शेट्टार को राज्यपाल से मिलना चाहिए और अपनी सरकार का इस्तीफा देना चाहिए। हम राज्यपाल को बताएंगे कि यह सरकार सत्ता में बनी नहीं रह सकती, क्योंकि यह अल्पमत में आ गई है।
उत्तरी कर्नाटक की सरकारी यात्रा पर गए शेट्टार ने इस बात की पुष्टि की है कि दो मंत्रियों ने इस्तीफा दिया है। उदासी ने कहा कि वे येदियुरप्पा का समर्थन करने वाले विधायकों एवं मंत्रियों के प्रति शेट्टार के रुख से दुखी थे और अब केजीपी के मजबूत बनाने का समय आ गया है। जब से येदियुरप्पा ने पिछले साल दिसंबर में अपनी केजीपी बनाने के लिए बीजेपी छोड़ी थी, तब से शेट्टार मंत्रिमंडल पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं। बीजेपी के पूर्व कद्दावर नेता ने बार बार सरकार को उसके स्थायित्व को लेकर अंगुली दिखाई है और 20-30 बीजेपी विधायकों के समर्थन का दावा किया है।
अपनी सरकार पर खतरे को खारिज करते हुए शेट्टार ने कहा था कि वह 8 फरवरी को बजट पेश करेंगे। मई में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यह अंतिम बजट है। जिन विधायकों ने इस्तीफे की पेशकश की है वे हैं- सीएम उदासी, नेहरू ओलेकर, टिप्पस्वामी, बीपी हरीश, एच हलप्पा, सुरेश गौड़ा पाटिल, शोभा करंदलजे, एसआई चिक्कनगौदार, सुरेश, जी शिवन्ना, चंद्रप्पा, वीएस पाटिल और बसावराज पाटिल अत्तूर।
लोक निर्माण मंत्री सीएम उदासी और ऊर्जा मंत्री शोभा करंदलाजे ने मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार को अपना इस्तीफा सौंप दिया। उसके कुछ ही घंटे बाद ये दोनों 11 अन्य विधायकों के साथ अपना इस्तीफा सौंपने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय गए। जब ये सभी विधायक इस्तीफा देने गए, तब न तो विधानसभा अध्यक्ष केजी बोपैया और न ही विधानसभा सचिव ओमप्रकाश मौजूद थे।
विधायकों ने करीब एक घंटे तक इंतजार किया, उसके बाद नाराज येदियुरप्पा वहां पहुंचे और उन्होंने कहा कि शेट्टार सरकार अल्पमत में आ गई है। बोपैया शहर से बाहर हैं। उत्तेजित विधायकों ने कहा कि विधानसभा सचिवालय का कोई भी अधिकारी या तो उनके त्यागपत्र स्वीकार करें या वे लिखकर दें कि वे त्यागपत्र स्वीकार करने के लिए अधिकृत नहीं हैं।
विधानसभा के संयुक्त सचिव जयतीर्थ गलाली ने विधायकों से कहा, बतौर संयुक्त सचिव मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकता। जब विधानसभा अध्यक्ष हों, कृपया, तब आइए और अपने त्यागपत्र दीजिए। हाल ही में कर्नाटक जनता पार्टी (केजेपी) बनाने वाले येदियुरप्पा ने कहा, शेट्टार सरकार अल्पमत में आ गई है। उन्हें सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। उन्हें अपनी यात्रा रोककर शहर में लौट आना चाहिए और इस्तीफा दे देना चाहिए।
येदियुरप्पा ने बोपैया को भी निशाना बनाया है और कहा कि उन्हें विधायकों के इस्तीफे के बारे में इतल्ला कर दिया गया था और वह यात्रा पर चले गए। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, यह निर्लज्ज सरकार है। शेट्टार को राज्यपाल से मिलना चाहिए और अपनी सरकार का इस्तीफा देना चाहिए। हम राज्यपाल को बताएंगे कि यह सरकार सत्ता में बनी नहीं रह सकती, क्योंकि यह अल्पमत में आ गई है।
उत्तरी कर्नाटक की सरकारी यात्रा पर गए शेट्टार ने इस बात की पुष्टि की है कि दो मंत्रियों ने इस्तीफा दिया है। उदासी ने कहा कि वे येदियुरप्पा का समर्थन करने वाले विधायकों एवं मंत्रियों के प्रति शेट्टार के रुख से दुखी थे और अब केजीपी के मजबूत बनाने का समय आ गया है। जब से येदियुरप्पा ने पिछले साल दिसंबर में अपनी केजीपी बनाने के लिए बीजेपी छोड़ी थी, तब से शेट्टार मंत्रिमंडल पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं। बीजेपी के पूर्व कद्दावर नेता ने बार बार सरकार को उसके स्थायित्व को लेकर अंगुली दिखाई है और 20-30 बीजेपी विधायकों के समर्थन का दावा किया है।
अपनी सरकार पर खतरे को खारिज करते हुए शेट्टार ने कहा था कि वह 8 फरवरी को बजट पेश करेंगे। मई में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यह अंतिम बजट है। जिन विधायकों ने इस्तीफे की पेशकश की है वे हैं- सीएम उदासी, नेहरू ओलेकर, टिप्पस्वामी, बीपी हरीश, एच हलप्पा, सुरेश गौड़ा पाटिल, शोभा करंदलजे, एसआई चिक्कनगौदार, सुरेश, जी शिवन्ना, चंद्रप्पा, वीएस पाटिल और बसावराज पाटिल अत्तूर।
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