महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि भाजपा के पास हिंदुत्व का ‘‘पेटेंट' ' नहीं है. उन्होंने दावा किया कि शिवसेना के दिवंगत सुप्रीमो बाला साहब ठाकरे ने भाजपा को दिखाया था कि ‘‘भगवा और हिंदुत्व''के मेल से केंद्र की सत्ता हासिल करने में मदद मिल सकती है.
ठाकरे ने कहा कि भाजपा के उलट शिवसेना हमेशा से ‘भगवा और हिंदुत्व' को लेकर प्रतिबद्ध रही है जबकि उसके (भाजपा) भारतीय जनसंघ और जन संघ जैसे अलग-अलग नाम है जो अलग विचारधारा प्रसारित करती है.
वह कोल्हापुर उत्तर सीट पर 12 अप्रैल को होने वाले उपचुनाव में महा विकास अघाडी (एमवीए) प्रत्याशी जयश्री जाधव के प्रचार अभियान में डिजिटल माध्यम से शामिल हुए. उन्होंने वर्ष 2019 में विधानसभा चुनाव के दौरान कोल्हापुर सीट पर शिवसेना प्रत्याशी को मिली हार के लिए रविवार को भाजपा को जिम्मेदार ठहराया. उस समय दोनों दलों का गठबंधन था.
ठाकरे ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि क्या भाजपा का कांग्रेस के साथ इस सीट पर वर्ष 2019 के चुनाव में गुप्त गठबंधन था.
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के पास हिंदुत्व का पेटेंट नहीं है. मुझे आश्चर्य है कि अगर भगवान राम का जन्म नहीं हुआ होता तो भाजपा राजनीति में कौन सा मुद्दा उठाती. चूंकि भाजपा के पास मुद्दों की कमी है इसलिए वह धर्म और नफरत (फैलाने) पर बात कर रही है.''
ठाकरे ने कहा कि उनके पिता बाल ठाकरे वह व्यक्ति थे जिन्होंने उन्हें (भाजपा को) दिखाया कि भगवा और हिंदुत्व उन्हें दिल्ली के रास्ते पर ले जा सकता है.
कोल्हापुर उत्तर उपचुनाव पर बोलते हुए ठाकरे ने कहा, ‘‘वर्ष 2019 में वर्ष 2014 के मुकाबले (कोल्हापुर उत्तर सीट पर) कांग्रेस के मत बढ़ गए जिसका नतीजा हुआ कि शिवसेना प्रत्याशी की भाजपा के साथ गठबंधन के बावजूद हार हुई.'' उन्होंने सवाल किया, ‘‘भाजपा के मत वर्ष 2019 में कहां गए? क्या उस समय आपने कांग्रेस के साथ गुप्त गठबंधन किया था?''
उन्होंने कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दावा करती है कि वह बाल ठाकरे का सम्मान करती है तो फिर वह क्यों नवी मुंबई में बन रहे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम दिवंगत शिवसेना संस्थापक के नाम पर करने के प्रस्ताव का विरोध कर रही है.
ठाकरे ने दावा किया था कि वर्ष 2019 के चुनाव में भाजपा ने शिवसेना को मुख्यमंत्री का पद देने का वादा किया था. संभवत: इसी का संदर्भ देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘भाजपा क्यों अपने शब्दों और प्रतिबद्धता से पीछे हटी जो (केंद्रीय गृह मंत्री) अमित शाह ने बाला साहेब के कमरे में की थी जिसे मैं मंदिर मानता हूं.''
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद को साझा करने के मुद्दे पर भाजपा और शिवसेना का गठबंधन टूट गया था. भाजपा और शाह ने ठाकरे के कथित मुख्यमंत्री देने का वादा करने के दावे का खंडन किया था.
शिवसेना एमवीए की घटक है जबकि अन्य साझेदार कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) है. ठाकरे ने कहा कि एमवीए गठबंधन का प्रयोग सफल रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘यही कारण है कि शिवसेना ने कोल्हापुर उत्तर सीट पर दावा नहीं किया.'' ठाकरे ने कहा कि एमवीए के घटकों ने हाल की गई बैठक में कमियों पर चर्चा की.
मुख्यमंत्री ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘हमने महसूस किया कि यह शासन या प्रशासन नहीं है जिसमें हम पिछड़ रहे हैं बल्कि हम झूठ फैलाने में पिछड़ रहे हैं.''
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 में कांग्रेस प्रत्याशी चंद्रकांत जाधव ने शिवसेना विधायक राजेश क्षीरसागर को कोल्हापुर उत्तर सीट से हराया था. जाधव के निधन के बाद 12 अप्रैल को उपचुनाव कराया जा रहा है.
एमवीए प्रत्याशी जयश्री जाधव दिवंगत विधायक जाधव की पत्नी है और उनके खिलाफ भाजपा ने सत्यजीत कदम को प्रत्याशी बनाया है.
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