महाराष्ट्र में भंडारा जिला अस्पताल (Bhandara Hospital) के विशेष नवजात देखरेख इकाई में शुक्रवार देर रात करीब 1:30 बजे आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई थी. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आज (सोमवार) इस घटना को लेकर भंडारा जिले में बंद बुलाया है. भंडारा से बीजेपी सांसद सुनील मेंधे (Sunil Mendhe) ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि पार्टी चाहती है कि या तो इस हादसे की न्यायिक जांच हो या फिर रिटायर्ड जज द्वारा इसकी जांच कराई जाए.
बीजेपी सांसद ने कहा, 'बीजेपी ने भंडारा में एक दिन के बंद का फैसला इस हादसे पर सरकार का ध्यान खींचने के लिए लिया है. हम चाहते हैं कि मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए.' उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के अस्पताल दौरे को लेकर कहा कि उन्हें लगा था कि अपने दौरे पर CM तत्काल प्रभाव से सिविल सर्जन, डॉक्टर और अन्य स्टाफ को सस्पेंड करेंगे और बारीकी से जांच के आदेश देंगे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.
बता दें कि अस्पताल के जिस वार्ड में आग लगी उसमें 17 बच्चे थे. बचाव टीम ने बामुश्किल 7 बच्चों को बाहर निकाला. मृतकों के परिजनों ने आरोप लगाया है कि जब आग लगी, तब वहां न तो कोई डॉक्टर और न ही नर्स मौजूद था. उन्होंने इस हादसे के लिए अस्पताल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. महाराष्ट्र सरकार ने पीड़ित परिजनों के लिए 5-5 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है. मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि इस हादसे के दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा.
VIDEO: अस्पताल में 10 मासूमों की मौत का जिम्मेदार कौन?
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