नई दिल्ली:
भारतीय जनता पार्टी की नेता सुषमा स्वराज ने सोमवार को एक बार कोलया घोटाले के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को घेरा। उनका आरोप है कि प्रधानमंत्री राज्यों पर आरोप मढ़कर अपने को बचा रहे हैं। उन्होंने पूछा कि आखिर 2012 तक आखिर क्यों नहीं नीलामी नीति का पालन किया गया।
उनका तर्क है कि इसी वजह से देश के खजाने को हजारों करोड़ रुपये का घाटा हुआ। स्वराज ने एक बार फिर प्रधानमंत्री से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा मांगा है। स्वराज ने पूछा कि आखिर कोल ब्लॉक आवंटन का पैसा कहां गया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पैसा कांग्रेस पार्टी के खजाने में गया है।
स्वाराज ने पीए के इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि देश की आर्थिक तरक्की और राजस्व की आय के लिए ऐसा किया गया। उन्होंने पूछा की आखिर अर्थव्यवस्था का विकास कहां हुआ और राजस्व में बढ़ोतरी भी कहां हुई।
वहीं, राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा कि पीएम का बयान संवैधानिक संस्था पर हमला है। उन्होंने पीएम पर देश की संघीय प्रणाली पर प्रहार करने का आरोप लगाया।
जेटली ने मांग की कि इस सभी 142 कोल ब्लॉक्स को वापस लिया जाए और नीलामी के जरिये फिर आवंटित किए जाएं।
उनका तर्क है कि इसी वजह से देश के खजाने को हजारों करोड़ रुपये का घाटा हुआ। स्वराज ने एक बार फिर प्रधानमंत्री से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा मांगा है। स्वराज ने पूछा कि आखिर कोल ब्लॉक आवंटन का पैसा कहां गया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पैसा कांग्रेस पार्टी के खजाने में गया है।
स्वाराज ने पीए के इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि देश की आर्थिक तरक्की और राजस्व की आय के लिए ऐसा किया गया। उन्होंने पूछा की आखिर अर्थव्यवस्था का विकास कहां हुआ और राजस्व में बढ़ोतरी भी कहां हुई।
वहीं, राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा कि पीएम का बयान संवैधानिक संस्था पर हमला है। उन्होंने पीएम पर देश की संघीय प्रणाली पर प्रहार करने का आरोप लगाया।
जेटली ने मांग की कि इस सभी 142 कोल ब्लॉक्स को वापस लिया जाए और नीलामी के जरिये फिर आवंटित किए जाएं।
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