दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर (Delhi-Ghazipur Border) पर किसानों के प्रदर्शन स्थल से करीब 150 किलोमीटर दूर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले की पुलिस ने कहा है कि वो जिले के किसानों को बिजनौर से बाहर जाने से रोकेगी. पुलिस अधिकारियों ने किसानों को सख्त चेतावनी दी है कि अगर कोई किसान नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में गाजीपुर में होने वाले विरोध में शामिल होने के लिए बिजनौर से बाहर जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
बिजनौर जिले की सीमा पर पत्रकारों द्वारा शूट किए गए विजुअल्स में साफ दिख रहा है कि पुलिस ने वहां बैरिकेड्स लगा रखे हैं और सड़क पर आने-जानेवाली गाड़ियों का जांच पुलिस के जवान कर रहे हैं. बिजनौर के पुलिस प्रमुख डॉ. धर्मवीर सिंह ने मीडिया को दिए बयान में कहा, "गाजीपुर-दिल्ली बॉर्डर स्थित विरोध स्थल पर धारा 144 और कोविड प्रोटोकॉल लागू हैं, वहां धरना स्थल को 'गैरकानूनी' घोषित किया जा चुका है. ऐसे में अगर कोई किसान उस स्थल की ओर ट्रैक्टर, चार पहिया या दो पहिया वाहन से जाता है, तो हम उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे. जिले की सीमा को सील कर दिया गया है. हम सभी प्रवेश और निकास बिंदुओं की जांच कर रहे हैं. यदि कोई इसका उल्लंघन करता है तो पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी."
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दूसरी तरफ, बिजनौर शहर में स्थानीय पत्रकारों द्वारा शूट किए गए अन्य दृश्यों में किसान नेताओं ने गाजीपुर में चल रहे विरोध-प्रदर्शन के समर्थन में नारे लगाए और कहा कि वे लोग वहां जरूर जाएंगे. विजय नाम के एक किसान नेता ने पत्रकारों से कहा, "मुझे यकीन है कि प्रशासन हमारा समर्थन करेगा, हम अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं."
दिल्ली-उत्तर प्रदेश की सीमा गाजीपुर बॉर्डर पर गुरुवार की रात स्थिति तनावपूर्ण बनी रही. इससे पहले पुलिस ने प्रदर्शन स्थलों से किसानों को भगाने की कोशिश की, एक हद तक ऐसी स्थिति बन भी गई थी लेकिन फिर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी अपने आंदोलन के शीर्ष नेता राकेश टिकैत के रोने और गोलियों का सामना करने से जुड़े एक वीडियो को देखने के बाद दोबारा धरना स्थल पर लौटते दिखे. टिकैत का रोते हुए वीडियो वायरल होने के बाद आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में किसान रातों रात गाजीपुर बॉर्डर दोबारा पहुंच गए. वीडियो में टिकैत कहते दिखे कि गोलियां खाने को तैयार हैं लेकिन धरना स्थल से नहीं हटेंगे.
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राकेश टिकैत की भारतीय किसान यूनियन (BKU) ने मंगलवार को ट्रैक्टर रैली के दौरान भड़की हिंसा पर भारी प्रतिक्रिया के बीच "महापंचायत" बुलाई है. इस बीच, दिल्ली-यूपी बॉर्डर के कुछ हिस्सों को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है. बीती शाम, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में प्रशासन ने पुलिस को हजारों किसानों को हटाने का आदेश दिया है, जो तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बाहर विभिन्न सीमाओं पर दो महीने से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
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