टिकट के लिए राजनीति में नहीं आया था, सेवा का मौका चाहता था: बिहार के पूर्व DGP गुप्‍तेश्‍वर पांडेय

बिहार के पूर्व डीजीपी ने कहा, 'मैं राजनीति में प्रवेश करना चाहता था. यह भी सही है कि टिकट नहीं मिला लेकिन मैं विधायक बनने के लिए असेंबली की टिकट नहीं चाहता था.

नई दिल्ली:

बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) और बिहार चुनाव के ठीक पहले जनतादल यूनाइटेड (जेडीयू) से जुड़े गुप्‍तेश्‍वर पांडेय ने कहा है, 'यह गलत प्रचार है कि मैंने भगवा धारण कर लिया है. एक भी मेरा फ़ोटो हो तो दिखाइए. मैंने पीतांबरी धारण की है. भागवत कथा मैं कर रहा हूं, इसमें कोई शक नहीं है.' पांडेय ने कहा कि, 'ऑनलाइन मैंने भागवत कथा कही थी जिसे 
किसी ने फ़ेसबुक से वायरल किया.' बिहार के पूर्व डीजीपी ने कहा, 'मैं राजनीति में प्रवेश करना चाहता था. यह भी सही है कि टिकट नहीं मिला लेकिन मैं विधायक बनने के लिए असेंबली की टिकट नहीं चाहता था. कोई भी डीजीपी असेंबली की टिकट के लिए पद नहीं छोड़ेगा. मैंने 35 साल सेवा दी तो मेरे कट्टर आलोचक भी ये नहीं कह सकते मैं अनसक्सेसफुल (नाकाम) रहा.'

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पांडेय ने कहा, ' मैं समाज के लिए काम करना चाहता था. ये मौका मैं चाहता था. मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि सारे निर्णय मेरे थे. नौकरी छोड़ना भी, टिकट न मिलना मेरा प्रारब्ध है. हमारे बहुत तरह के दुश्मन भी हैं. हम जो हैं, वही हैं. मेरी कोई इच्छा नहीं है राजनीति में, मैंने अपने आप को भगवान के हाथों समर्पित कर दिया है.' उन्‍होंने कहा, 'मैंने संस्कृत से ग्रेजुएशन किया. ये सब मैंने पढ़ा है, वेद, पुराण में मेरी बचपन से रुचि भी थी. मुझे बाबा नहीं बनना है, न किसी को चेला बनाना है. ये तो अपने सुख के लिए है.

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बॉलीवुड एक्‍टर सुशांत सिंह राजपूत से जुड़े मामले में एक्‍ट्रेस रिया चक्रवर्ती को लेकर अपने कमेंट पर पूछे गए सवाल पर पांडेय ने कहा, 'मैंने ये कहा था कि रिया चक्रवर्ती की ये औकात नहीं है कि वो असंवैधानिक टिप्पणी करे. वो एक केस की नामजद अभियुक्त थी तब तक उसको टिप्पणी करने का अधिकार नहीं था लेकिन औकात का अंग्रेज़ी शब्द कहीं से आपत्तिजनक नहीं है लेकिन 'औकात' शब्द पर मैंने तुरंत माफ़ी मांगी थी. उन्‍होंने कहा , 'मैंने सुशांत के बारे में ये कहा ही नहीं कि उनकी हत्या हुई. हंगामा हुआ जब मैंने एफआइआर की. मैंने टीम भी भेजी थी. मैंने केवल कहा था कि मुंबई पुलिस का रोल सस्पिशियस (संदेहास्‍पद) है.'